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________________ 45545645745454545454545454545454545 किया जाता है। वास्तव में वे मुर्गी के ही बच्चे हैं। अण्डे शाकाहार है-ये' व्यापारी चाल है। इस प्रकार हमें अपने जीवन में शाकाहार को स्थान देना चाहिये। मानव! 5 अन्य से नहीं तो प्रकति से तो ड! प्रकृति ने तुझे शाकाहारी बनाकर भेजा है। मांसाहारी नहीं। इसके नियम को भंग मत कर। दूसरों की आहे व चीत्कारों को अपनी हंसी का आधार मत बना। दूसरों की चिताओं पर अपने जीवन का प्रासाद खड़ा मत कर। अपने पेट को दूसरों के मृत शरीरों की कब्र मत बना । प्रेम कर सबसे छोटे व बड़ों से, मानव व पशु से, बिल्कुल उसी प्रकार 51 जिस प्रकार कि तुम अपनी संतान से करते हो। तभी जीवन जीना सार्थक LE है। आज भी हैं, जो दया की पुकार सुनते हुए अपना जीवन जी रहे हैं। किसी ने कहा है यह पत्थरों की बस्ती है यहाँ पर दया। आंखों में नहीं, बंद मुट्ठियों में बसती है।। आईये अब शारीरिक स्वास्थ्य की दृष्टि से मांसाहार कितना खतरनाक है, इसे देखें: - मांसाहार रोगों का जन्मदाता : मांसाहार से दिल का दर्दनाक दौरा कैंसर 1. अपेंडोसाइटीज, हड्डियों में हास, पथरी आदि अनेक रोग उत्पन्न हो जाते हैं। इस पर जो निष्कर्ष बड़े-बड़े डॉक्टरों, वैज्ञानिकों ने निकाले हैं उनमें से कछ इस प्रकार हैं :ब्रिटेन के डा. एम रॉक ने एक सर्वेक्षण अभियान के बाद यह प्रतिपादित किया कि शाकाहारियों में संक्रामक और घातक बीमारियाँ मांसाहारियों की अपेक्षा कम पाई जाती हैं। अमरीकी विशेषज्ञ डा. विलियम सी. राबर्ट्स का कहना है, कि अमेरिका +में मांसाहारी लोगों में दिल के मरीज ज्यादा हैं, उनके मुकाबले शाकाहारी लोगों में दिल के मरीज कम होते हैं। इंग्लैंड के डा. इन्हा ने अपनी पुस्तकों में साफ-साफ माना है कि 'अण्डा + मनुष्य के लिये जहर है। TE जर्मनी के प्रोफेसर एग्नश्वर्ग का निष्कर्ष है कि 'अण्डा 51.83 प्रतिशत कफ । पैदा करता है। वह शरीर के पोषक तत्त्वों को असंतुलित कर देता है। और भी अनेक नवीनतम खोजों से यह फलित आ है कि मांसाहार 4545454545454545454545454545454545454545 जागाजाम प्रशममूर्ति आचार्य शान्तिसागर छाणी स्मृति-ग्रन्थ : SYY41451461471481491515415 -III.
SR No.010579
Book TitlePrashammurti Acharya Shantisagar Chani Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherMahavir Tier Agencies PVT LTD Khatuali
Publication Year1997
Total Pages595
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationSmruti_Granth
File Size22 MB
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