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________________ 41451461454545454545451461461454674574 4 मुनिश्री मल्लिसागर जी महाराज आप नांदगांव (नासिक) के रहने वाले हैं, आपके पिता का नाम दौलतराम जी सेठी और माता का नाम सुन्दरबाई था। आप खण्डेलवाल हैं। गृहस्थावस्था प्र में आपका नाम मोतीलाल था, पांच वर्ष की अवस्था में आपके माता, पिता ने विद्याभ्यास के लिये पाठशाला में भेजा, आपने अल्पकाल में ही विद्याभ्यास कर लिया। 25 वर्ष की अवस्था में (नांदगांव) में श्री 105 ऐलक पन्नालाल जी ने चातुर्मास किया। उस वक्त आपने कार्तिक सुदी 11 संवत् 1976 के 4 दिन दूसरी प्रतिमा के व्रत ग्रहण किये। आपने शादी भी नहीं की, क्योंकि आपने अनेकों चातुर्मास किए, किन्तु श्री परम पावन अतिशय क्षेत्र देवगढ़ के भयानक बीहड़ जंगल में आपने जो चातुर्मास किया वह साहसिकता की दृष्टि से चिरस्मरणीय रहेगा। डाकुओं और जंगली जानवरों के भय से व्याप्त भीषण जंगल में एक दिगम्बर संत का एकाकी रहना आश्चर्य की बात नहीं, तो और क्या हो सकती है? किन्तु आश्चर्य हम संसारी लोगों को ही होता है इन जैसे संतों के लिए तो क्या पहाड़, क्या बीहड़ जंगल सब समान हैं। उच्चकोटि के विद्वान और महान पद पर आसीन होते हुए भी आप अत्यन्त सरल विनम्र एवं शान्त स्वभाव वाले हैं। आपके जीवन में प्रदर्शन और आडम्बर तो नाममात्र को नहीं है। 4545454545454545454545454545454545 मुनि वीरसागरजी महाराज मुनि वीर सागर जी का जन्म पंजाब प्रान्त के जिला सरोजपुर के समीप HI धर्मपुरा में अग्रवाल जाति में सेठ नारायणप्रसाद जी के यहाँ हुआ था। आपका पूर्व नाम कल्याणमल था। आप आजीवन बाल ब्रह्मचारी रहे, आपने आदिसागर जी से प्रथम प्रतिमा धारण की थी। उत्तरप्रदेश में आपने क्षुल्लक दीक्षा ली। 57 आपने अपने जीवन के अन्त में समाधि धारण कर आत्म कल्याण किया। -- आचार्य श्री सूर्यसागर जी महाराज आचार्य श्री का जन्म पेमसर ग्राम (शिवपुरी) में कार्तिक शुक्ल। 9 विक्रम संवत् 1940 की शुभ मिति में श्री हीरालाल जैन पोरवाल के घर में हुआ था। आपकी माता का नाम आप अल्पवय से ही वैराग्य रूप थे और आप ऐलक पन्नालाल जी के साथ ही रहने लगे तथा आपने गृह का भार त्याग दिया। 255 प्रशममूर्ति आचार्य शान्तिसागर छाणी स्मृति-ग्रन्थ
SR No.010579
Book TitlePrashammurti Acharya Shantisagar Chani Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherMahavir Tier Agencies PVT LTD Khatuali
Publication Year1997
Total Pages595
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationSmruti_Granth
File Size22 MB
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