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________________ ......... ... M uou.vn . 关于《 长岭分分分分分种类 वृहज्जनवाणीसंग्रह ३६७ ।। www. in है शेष १४ अभक्ष्य-ओला, विदल, रात्रिभोजन,बहुवीजा, बैगन, कन्दमूल,वगैर जाना फल,अचार, विष, माटी, घरफ। तुच्छ फल, चलित रस, माखन । ___ १६९-दशलक्षण धर्म । १ उत्तमक्षमा, २ मार्दव, ३ आर्जव, ४ सत्य, ५ शौच, १६ संयम, ७ तप, ८ त्याग, ९ अकिंचन १० ब्रह्मचर्य । १७०-तीनप्रकारका लोक। १ ऊवलोक २ मध्यलोक २ पाताललोक। १७१-सात नरक। १ धर्मा २ वंशा ३ मेघा ४ अंजना ५ अरिष्टा ६ मघवी ७ माघवी। १७२-नरकोंके १९ पटल । पहले नरकमें १३ पटल, दूसरे नरकमें ११ पटल, तीसरे नरकमें ९ पटल, चौथे नरकमें ७ पटल, पांचवें नरकमें ५ क पटल, छठे नरकमें ३ पटल, सातवें नरकमें १ पटल, इस प्रकार सातौ नरकोंमें ४९ पटल हैं। १७३-नरकोंके ४९ इन्द्रकविल। पहले नरकमें इन्द्रक विले १३, दूसरे नरकमें ११ तीसरे नरकों ९ चौथे नरकमें ७ पांचवे नरकमें ५ छठेमें ३ सातवें । । नरकमें १, इस प्रकार सातौ नरकोंमें कुल ४६ इंद्रकबिले हैं।। * -*-5-25 *
SR No.010576
Book TitleVruhhajain Vani Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAjitvirya Shastri
PublisherSharda Pustakalaya Calcutta
Publication Year1936
Total Pages410
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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