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चौबी० १० अथ श्रीशीतलनाथजिन पूजा प्रारम्यते । पूजन संग्रह
(बखतावरसिंह कृत) अडिल । ४९६ स्थापना-शीतल नाथ जिनंद स्वर्ग सोलम चये। भद्दलपुर में आय सुनंदा सुत भये ॥ ... . नब्बे धनुष प्रमाण अंक सुर तरु तनो । तिष्ठ तिष्ठ जिनराज करम रिपु को हनो॥१॥
ॐ ह्रीं श्रीशीतलनाथ जिनेन्द्र अत्रावतरावतर संवौषट् आह्वाननम् । ॐ ह्रीं श्रीशीतलनाथ जिनेन्द्र अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठाठः स्थापनम्। ॐ ह्रीं श्रीशीतलनाथ जिनेन्द्र अत्र मम सन्निहितो भव भव वषट् सन्निधीकरणम् ॥
' अथ अष्टक । छंद योगीरासा। जल-पंचम उदधि तनो जल निर्मल मुनि मन सम शुचि लावें। मणि भंगार भराय अनुपम धारदेत
सुख पावें ॥ शीतल जिन के युग चरणांवुज पूजू मन वच काई। रोग शोक दुःख दारिद नाशे भव आताप मिटाई ॥ॐ ह्रीं श्रीशीतलनाथ जिनेन्द्राय गर्भ,जन्म, तप, ज्ञान, निर्वाण पंचकल्याण प्राप्ताय जन्ममृत्यु जरारोग विनाशनाय जलं निर्वपामीति स्वाहा।।