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________________ चौबी० / जी प्रभु हम ध्यवें ॥रों ह्रीं श्रीअरनाथ जिनेन्द्राय गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान, निर्वाण पंचकल्याण ..पूजन | प्राप्ताय अनर्घ पद प्राप्तये अर्घ निर्वपामीति स्वाहा । .. संग्रह :: ... अथ पंचकल्यागक। छंद मोती दाम। ५४६ गर्भ-जफागण की तृतिया सितजान । वसे जिन मात सुगर्भ महान । तवे धनदेव करें नित सेव। अनेक प्रकार उछाह भरेव ॥ ौं ह्रीं श्रीअरनाथ जिनेन्द्राय फाल्गुण शुक्ल तृतीया गर्भ कल्याणप्राप्ताय अर्घ निवपामीति स्वाहा। ... जन्म-जये अरनाथ जिनंद अनुप । भये हरि चकित देख स्वरूप ॥ सदी तिथि चौदस जान अघन्न । जय होत भयो जग धन्न सुधन्न ॥ ॐ ह्रीं श्रीअरनाथ जिनेन्द्राय मार्गशिर शुक्ल चतुर्दशी जन्म कल्याण प्राप्ताय अर्घ निर्वपामीति स्वाहा । तप-तजी तुम नार सु छान हजार। कियो निज आतम सार विचार ॥ देशैं शुभ मारग मासजु आय। चतुर्थम ज्ञान जिनंद उपाय ॥ ॐ ह्रीं श्रीअरनाथ जिनेन्द्राय मार्गशिर शुक्ल दशमी तपः ... प्राप्ताय अर्घ निर्वपामीति स्वाहा।। ..... मभयो तब केवल भानु
SR No.010573
Book TitleVarttaman Chaturvinshati Jina Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBakhtavarsinh
PublisherBakhtavarsinh
Publication Year
Total Pages245
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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