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________________ जीवन का प्रथमचरण | ४१ संबोधित करते हुए उसने कहा-"जब से यह बालक त्रिशलादेवी के गर्भ में आया है, धन, धान्य, कोष्ठागार, स्वजन और राज्यकोष में हर प्रकार की अभिवृद्धि हुई है, अतः इसका गुणसम्पन्न 'वर्धमान' नाम रखा जाय, ऐसा हमारा अभिप्राय है।" सिद्धार्थ का उक्त प्रस्ताव सभी को प्रिय लगा, सर्वानुमति से अनुमोदन किया गया और बालक का यथार्थ नाम 'वर्धमान' रखा गया। __ 'वर्धमान' नामकरण में माता-पिता के समक्ष भले ही भौतिक समृद्धि की वृद्धि ही मुख्य रही हो, पर वह बालक भौतिक व आध्यात्मिक दोनों दृष्टियों से निरन्तर वर्धमान (बढ़ता हुआ) रहा, उसका बाह्य वैभव तो एक सीमा तक ही वढा, पर आत्म-वैभव असीम होता गया, अनन्त होता गया, इसलिये यह स्पष्ट है कि बालक महावीर का प्रथम नाम वर्धमान' यथार्थ था, अपने लिये भी, समाज व राष्ट्र व धर्म के लिये भी और सम्पूर्ण मानव-जाति के लिये भी। परिवार वर्धमान अपने माता-पिता की तीसरी संतान थे। उनके मुख्य तीन नाम प्रसिद्ध थे-वर्धमान, महावीर और सन्मति । वीर, अतिवीर, अंत्यकाश्यप ये उनके गौण नाम थे । आगम एवं त्रिपिटक साहित्य में उनको नातपुत्र या ज्ञातपुत्र तथा वैशालिक के नाम से भी संबोधित किया गया है। वर्धमान की माता का प्रसिद्ध नाम त्रिशला था, विदेहदिन्ना और प्रियकारिणी उनके गौण नाम थे। वर्धमान के चाचा का नाम था-सुपार्श्व । बड़े भाई का नाम था नंदीवर्द्धन। भाभी का नाम था ज्येष्ठा और बहन का नाम था सुदर्शना । सुदर्शना के पुत्र का नाम था जमालि । वर्धमान बड़े होने पर विवाहित हुए, उनकी पत्नी का नाम था यशोदा। एक पुत्री हुई, जिसका नाम रखा गया प्रियदर्शना (अनवद्या)। वर्धमान के मामा थेवैशाली गणराज्य के अध्यक्ष चेटक । मामी का नाम था सुभद्रा। मामा चेटक के दस पुत्र थे; जिनमें सबसे बड़ा था सिंहभद्र । यही सिंहभद्र वज्जीगण का प्रधान सेनापति था । सिंह सेनापति का वर्णन बौद्ध-साहित्य में अनेक स्थानों पर आता है, चेटक की सात पुत्रियां थीं, जिनके सम्बन्धों की चर्चा पीछे की जा चुकी है। इसप्रकार वर्धमान के पारिवारिक सम्बन्ध अंग, मगध, अवंती से लेकर सिन्धु-सौवीरदेश तक के राजवंशों के साथ जुड़े हुए थे।
SR No.010569
Book TitleTirthankar Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Ratanmuni, Shreechand Surana
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1974
Total Pages308
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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