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________________ १९८ | तीर्थंकर महावीर "हमने सुना है कि संयम से देवलोक की प्राप्ति होती है ?"-श्रमणोपासकों ने पूछा। स्थविर बोले-"सराग (मासक्तिपूर्वक) अवस्था में किये गये तप एवं संयम से, अर्थात् संयम-तप में रही हुई आसक्ति के कारण पूर्ण कर्मक्षय न होने से आत्मा मोक्ष के बदले देवगति को प्राप्त करता है।" स्थविरों के समाधान से श्रमणोपासक पूर्ण संतुष्ट हुए। उसी समय गणधर इन्द्रभूति राजगृह में मिक्षा के लिए भ्रमण कर रहे थे। उन्होंने तुगिया के श्रमणोपासकों व स्थविरों के बीच हुये प्रश्नोत्तर की चर्चा सुनी। उन्हें कुछ संशय हुआ। अतः वे भिक्षा से लौटकर भगवान् महावीर के निकट आये और वंदनापूर्वक प्रश्न किया- "भंते ! क्या स्थविरों द्वारा दिये गये उत्तर सत्य हैं, यथार्थ हैं ?" सत्य के पक्षधर महावीर बोले-"गौतम ! स्थविरों ने जो उत्तर दिये हैं, वे यथार्थ हैं । वे सम्यग्ज्ञानी हैं । मैं भी इसी बात का समर्थन करता हूं।" केशी-गौतम का ऐतिहासिक मिलन भगवान महावीर के धर्मसंघ में पापित्य श्रमणों का जो समय-समय पर मिलन हुआ, उसमें श्रमण केशीकुमार और इन्द्रभूति गौतम की तत्त्वचर्चा और सम्मिलन एक ऐतिहासिक घटना कही जा सकती है। यद्यपि इस मिलन में मुख्य भूमिका गौतम की रही है, किंतु गौतम के समाधानों में भगवान् महावीर का ही स्वर गंज रहा है, अतः दो परम्पराओं के इस ऐतिहासिक सम्मिलन का श्रेय भगवान् महावीर की वीतरागदृष्टि को ही दिया जा सकता है। भगवान महावीर कौशल भूमि में विहार करते हुए पश्चिम की ओर बढ़ रहे थे । इन्द्रभूति गौतम कुछ शिष्यों को साथ लेकर उनसे पहले श्रावस्ती में चले गये । वहाँ पाश्र्वनाथ-परम्परा के विद्वान श्रमण केशीकुमार भी अपने शिष्य समुदाय के साथ तिन्दुक उद्यान में ठहरे हुए थे। दोनों परम्पराओं के श्रमण समुदाय में एकदूसरे को देखकर कुछ माश्चर्य हमा और अनेक प्रश्न भी बड़े हए । वे सोचने लगे"यह धर्म कसा है और वह धर्म कैसा? यह माचारविधि और वह आचारविधि इतनी भिन्न क्यों ? महामुनि पार्श्वनाथ का चातुर्याम धर्म और श्रमण वर्धमान का १दीमा का २४ वा वर्ष । वि० पू० ४९८ । विशेष वर्णन के लिए देखें-भगवती सूत्र, मतक २
SR No.010569
Book TitleTirthankar Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Ratanmuni, Shreechand Surana
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1974
Total Pages308
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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