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विषय-सूची
१०५
४५८
४५९
४६०
४३७
४३८
. ४६२
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चार
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४६३
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आस्रवमें विशेषता २१२-२१३ ४३४-३५ | सल्लेखनाका स्वरूप २४६-२४७ ४५७ किन जीवोंके कौनसा आस्रव
सम्यग्दर्शनके अतीचार २४७-२४८ होता है
हिसाण तके अतीचार २४८-२४९ ४५९ साम्परायिक आस्रवके भेद
के अतीचार २४९ ४५९ आस्रवमें विशेषताके कारण २१५ ४३६ अचौर्याणुव्रतके अतीचार २४९-२५० आस्रवके अधिकरणका स्व
ब्रह्मचर्याणुव्रतके अतीचार २५०-२५१ रूप तथा भेद २१५-२१६ . ४३७ । परिग्रहपरिमाणव्रतके अतीचार २५१ जीवाधिकरणके भेद २१६-२१७
दिग्वतके अतिचार २५१-२५२ अजीवाधिकरणके भेद २१७-२१८ ४३८
देशव्रतके अतिचार
२५२ ४६१ ज्ञानावरण और दर्शनावरण
अनर्थदण्डव्रतके अतिचार २५२-२५३ ४६१ कर्मके आस्रव २१८-२१९
सामायिकके अतिचार असातावेदनीयके आस्रव २१९-२२१ ४३९ प्रोषधोपवासके अतिचार २५३-२५४ ४६२ सातावेदनीयके आस्रव २२१-२२२
उपभोगपरिभोगवतके अतिचार २५४ दर्शनमोहनीयके आस्रव
अतिथिसंविभागवतके अतिचारित्रमोहनीयके आस्रव २२३ ४४१
२५४-५५ आयुकर्मके आस्रव २२४-२२६ ४४२-४३
सल्लेखनाके अतिचार २५५ अशुभनाम कर्मके आस्रव २२६-२२७
दानका लक्षण
२५५-२५६ शुभनाम कर्मके आस्रव २२७
दानके फलमें विशेषता २५६-२५७ ४६४ तीर्थकर प्रकृतिके आस्रव २२७-२२९
आठवां अध्याय नीचगोत्रके आस्रव २२९-२३० उच्चगोत्रके आस्रव
२३० बन्धके हेतु
२५८-२५९ ४६५ अन्तरायके आस्रव
बन्धका स्वरूप
२६०-२६१ ४६६
बन्धके भेद सातवां अध्याय
२६१-२६२
प्रकृति बन्धके भेद प्रभेद २६२-२६३ ४६७ व्रतका लक्षण २३१-२३२ ४४७
ज्ञानावरणके पांच भेद २६३-२६४ ४६८ व्रतके भेद
४४८ अहिंसा आदि पांच व्रतोंकी
दर्शनावरणके नव भेद २६४-२६५ ४६८-६९ वेदनीयके दो भेद
२६५४६९ पांच पांच भावनाएँ २३२-२३४ हिंसा आदि पांच पापोंकी
: मोहनीयके अट्ठाईस भेद २६५-२६७ ४६९-७० भावनाएँ २३५-२३६
आयुकर्मके चार भेद २६८ ४७१ मंत्री आदि चार भावनाएँ २३६-२३७ ४५०
किस संहननवाले जीव कौनजगत् और कायकी भावना २३७ ४५०
कौन स्वर्ग और नरकों में हिंसाका लक्षण २३८-२३९
जाते हैं। किस-काल में,
किस क्षेत्रमें और किस असत्यका लक्षण २३९-२४० स्तेयका लक्षण
गुणस्थान में कौन संहनन २४०
२४०-२४१ अब्रह्मका लक्षण
४५३ होता है
२७० ४७१-७४ परिग्रहका लक्षण
२७२४७४ २४१-२४२
गोत्रकर्म के भेद अन्तरायके भेद
२७२४७४ व्रतीका लक्षण
२४२ व्रतीके भेद
आठों कमों कोउत्कृष्ट और २४२-२४३ ग हस्थका लक्षण और सात
जघन्य स्थिति २७२-२७४ ४७५-७६. शीलोंका वर्णन
२४३-२४६ ४५५-५७ - अनुभागबन्धका स्वरूप २७५ ४७६
४४८
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