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५. २३-२४.] पुद्गल का लक्षण और उसकी पर्याय २३५
आधुनिक विज्ञान के अनुसार अग्नि रासायनिक प्रक्रियाओं में उत्पन्न होती है और सूर्य में जो पुद्गल परमाणु ऊर्जारूप परिणत होते हैं वह ऊर्जा आतप है। विज्ञान ने अग्नि और आतप के भेद की ओर तो दृष्टि नहीं डाली है किन्तु अातप और उद्योत में अवश्य भेद किया है । आतप में ऊर्जा का अधिकांश तापकिरणों के रूप में प्रकट होता है और उद्योत में अधिकांश ऊर्जा प्रकाश किरणों के रूप में प्रकट होती है । इससे जैन विचारकों के वर्गीकरण की वैज्ञानिकता प्रकट होती है। ___ यद्यपि अभी तक वैज्ञानिक विद्वान् ऊर्जा को पौद्गलिक नहीं मानते हैं परन्तु सापेक्षवाद के सिद्धान्त ( Theory of relativity ) और विद्युदणु सिद्धान्त ( Electronic theory ) के अनुसन्धान के बाद यह सिद्ध हो गया है कि विद्युदणु ( Electron ) पुद्गल का सार्वभौम अनिवार्य तत्त्व है। वह एक विद्युत्कण है और इस प्रकार यह सर्वसम्मत है कि प्रकृति और ऊर्जा (Matter & energy) एक ही हैं।
मात्रा ( Mass ) और ऊर्जा के बीच का सम्बन्ध निम्नलिखित समीकरण से स्पष्ट हो जाता है
ऊर्जा=मात्रा (प्रकाश की गति )२
रैस्टलैस यूनिवर्स ( Restless universe ) के लेखक मैक्सवान महोदय ने लिखा है कि सापेक्षवाद के सिद्धान्त के अनुसार मात्रा अर्थात् प्रकृति ( Matter ) व ऊर्जा ( Energy ) अनिवार्यरूप से एक ही हैं। ये एक ही वस्तु के दो रूपान्तर हैं। मात्रा ऊर्जा के रूप में और ऊर्जा मात्रा के रूप में रूपान्तरित हो सकती है प्रकृति की परिभाषा विज्ञान इस प्रकार करता है जिसमें भार ( Weight) हो और जो क्षेत्र को घेरता हो। वैज्ञानिक प्रयोगों से अब यह सिद्ध हो गया है कि ऊर्जा में भी भार होता है और इसलिये ऊर्जा का भी प्रकृति की परिभाषा में अन्तर्भाव हो जाता है।