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तत्त्वार्थसूत्र [३. १.-६.
समीकरण विधि अधोलोक के समान इसका भी समीकरण किया जा सकता है। किन्तु इसका आकार नीचे व ऊपर छोटा और मध्य में बड़ा है इसलिये मध्य के दोनों बाजुओं के समीकरण के अनुरूप हिस्सों को काट कर नीचे व ऊपर दोनों ओर जोड़ देने पर पूर्व व पश्चिम अर्व लोक का आकार आयत चतुष्क प्राप्त हो जाता है । यथा
Hottarakhan
u maoMONANESH
इस प्रकार समीकरण करने पर इसका प्रमाण तीन राजु चौड़ा, सात राजु ऊंचा और सात राजु मोटा प्राप्त होता है। जिसका घनफल एक सौ सैंतालीस धनराजु होता है। चित्र में मुटाई नहीं दिखाई गई है केवल चौड़ाई और ऊंचाई दिखाई गई है।
ये दोनों मिलाकर एक लोक होता है। मध्य लोक का प्रमाण अर्व लोक के प्रमाण में ही सम्मिलित है, इसलिये यहां उसका अलग से निर्देश नहीं किया है।