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Br , याच दर कुमार मुना आ पलं मात्र हैं । बडादे गंव, माहेru, पदनाम बन्न, अदबह अंना उन्य संग्रह करनेवाले अंग कार को
अन्नपादास माय बिन्ट अव है। बहर अमायन भायं नकलविरत पनि है 15 पायर, दहा चांन्त्रमा अगम, नया अपने बाल उगाना भरना मुनाने वात्र
मग अभिगनान्त्र आय हैं। बहार चन्त्रिमा अयोपशम होने गद्यले उपगने चारेत्रपारनाम freratinअभिगमयान्त्रिमा
___ गाय दाप्रकारक है । न नयग्रहणक प्राणी अपनाने जानने । तहां ने तज्ञ अहन्ननोन आग-२६६
५. आतापात्र मा श्रद्धावान हाय, न आमालयपन्चान ऋहियं । वरि नियमाझमागके इगन अपमात्र अद्यापाय, पान अमावान 1 बार नायंकर आदिके पुगग आदिक उपगंक निमित्तने अन्दावान् होय. ते उपदेन 4. आय । यह निनिक भाचार दम्नक श्रवणमात्र अद्यावान हाय, न मुत्रसम्यक्त्ववान् हैं । वहरि बीजपइन्प
म अनसनमनने अदावान दाय, न बाजर्मचमान है । बहुरि जीवादिपटायंका मंझेप उपदेगते श्रद्धावान् पन पक्षपात बार अंगयुबमें में कहै. नौ विम्नाग्मय प्रमाणनयाटिकन निम्पण किये जे तत्त्वार्थ, तिनिके श्रमः श्रापाछाय, नविनामचि । बरि बचन विम्तागविनां मुन्या अथके ग्रहणते श्रद्धावान् होय, ते अर्थबना rामांगक जानननं श्रद्धावान होय, ते अवगाढमचि हैं । बहुरि परमावधि केवलज्ञानदर्शनते गीमा पनि मानी आन्मा उम्बल अडानम्प भया " तहां परमावगाढमचि कहिये ऐसे ये दश trif आ
प्रा. आर्य माल प्रहार कर नहां आट प्रकार भी कहे हैं । तहां बुद्धिमाडीके अठारह भेद हैं। तहां T-1, विमान, मनपयंगतान नान ना पहले कहै तेही जानने । बहुरि संवारे क्षेत्रवि जैसै कालादिके सहायतें तीन लापा नीबिय अनजानावरण वीयातगयके क्षयोपशमके प्रकर्प होते एकवीजके ग्रहणते अनेक Hari -
finition वर जम कोटारीके धरे न्यारे न्यारे प्रचुर धान्य वीजते विनाश न भये मोदि
आपती जाणे अर्थ नीज प्रचुर न्यारे न्यारे बुद्धिमै वणे रहे जिस काल चाहै तिस काल काढे ali are for the । पदानमारी नीन प्रकार अनुश्रोत, प्रतिश्रोत दोऊरूप । तहां एकपदका अर्थते सुनि आदिaat या अंत या मध्यावर सर्वग्रंथका अवधारण करनां, सो पदानुसारी है। बहुरि चक्रवतीका कटक बारह ।