________________
१६६
श्रीमद्वल्लभाचार्य ब्रह्मसंबंध मनोपदेश लेने के अनन्तर उसका हमेशां स्मरण रखना चाहिये । तथा भगवान् की सेवा शुद्ध अन्तःकरण पूर्वक करनी चाहिये । तभी मत्रोपदेश सफल होता है।
परीक्षार्थ प्रश्न।
ब्रह्मसम्बन्ध क्या है ? वह किससे लिया जाता है ? ब्रह्मसम्बन्ध की सिद्धि हो इसके लिये क्या कर्तव्य है ? असमर्पित वस्तु क्या ग्राह्य हैं ? ब्रह्मसंबंध दीक्षा की क्या आवश्यकता है ? आत्मनिवेदन क्या है ? ब्रह्मसम्बन्ध का फल क्या है ?