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________________ STARRERem.. - sonelineKHANNEL चन्दन धरावनी । विना केसरीकी सुपेद चोली धरावनी। तामें केशरीके टपका करने ॥ ज्येष्ठ वदि १२ वस्त्र चम्पई । धोती उपरना, दुमालो, सेहरा । सामग्री उपरेटाकी मैदा सेर ॥ घी खाण्ड बराबर ॥ ज्येष्ठ वदि १३ चन्दनी आड़बन्ध, वारको फेंटा, कतरा, चन्द्रका सादा ॥ ज्येष्ठ वदि १४ सुपेद पिछोड़ा, पाग गोल, कतरा ॥ ज्येष्ठ वदि ३० वस्त्र फूल गुलाबी, मूथन पटुका, पाग दार धोवा उड़दकी सतुआ सेर ७१ घी सेर 5॥ बूरो सेर ३२ और नित्य खरबूजा ५ भोग धरने । खरबूजाको पणा राजभोगमें नित्य आवे । और आँब चले तबसों ऑबको रस नित्य राजभोगमें चालू राखनों । तब खरबूजाको पणा बन्द करनों। शयनमें बिलसारु रोटी। खरबूजाको बिलसारु करनो छड़ीयल दार 5 और सब येहै भोग प्रमाण करनो। कढ़ी पापड़ केरीके ट्रक सेर ॥ खाँड सेर 5॥ चोखा सेर 5॥ भोग घरायके समय भये भोग सराय नित्य क्रमसे आरती करनी॥ __ ज्येष्ठ सुदि १ अरगजी, पड़दनी, फेंटा, जल भरावनों। आभरण मोतीके, मोरशिखा, दार धोवा, कढ़ीके बदले छाछि बूंदीकी । और नवरात्रमें जो बूंदीको प्रकार लिख्यो है ता प्रमाण करनो । रायता बूंदीको, मीठो शाक, बूंदीको सब प्रकार बूंदीको करनो । अनोसरमें मगदु, तीगडाको । खरबूजाके पलटे आँब धरने । और एक दिन आँब सब दिन धरने । शयनमें मंडली दूसरे तीसरे दिन करनी। फुहारे छूटें, श्वेतचंदनकी खोरी धरावनी। पौढ़त समय अङ्गवस्त्र करनो । कछु लग्यो रहे नहीं ॥ ज्येष्ठ सुदि २ वस्त्र चम्पई। पिछोड़ा, पागवारकी खिड़कीकी॥ HamaraGHATANHAIR - wand - ॥ -
SR No.010554
Book TitleVallabhvrushti Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGangavishnu Shrikrushnadas
PublisherGangavishnu Shrikrushnadas
Publication Year1937
Total Pages399
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationInterfaith & Hinduism
File Size121 MB
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