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चरण गोली चन्दनकी धरावनी । आभरण फूलनके धरावने । श्रीअङ्गमें चन्दनकी खोर धरावनी । श्रीस्वामिनीजीकी चोलीके ऊपर चन्दनकी खोली धरावनी। और सब स्वरूपनः धरायकें माला पहिराय नित्यवत् अनोसर करनो॥
अनोसरके भोगको प्रकार । खरखूजाको पणा । बूरा सेर 5१ लुचईको मैदा सेरऽ१ घी सेरऽ। बूरो सेर 5॥ इलायची मासा १॥ और प्रकार पहले भोगमें लिख्यो है ताप्रमाण। मगदको बेसन सेरऽ॥ घीसेर 53॥ बूरो सेर 5॥ सुगन्ध । फड़फड़ियाकी दार सेरऽ। दूध सेर 5१ दार चणाकी भीजी सेरऽ। शीतल भोग आवे । मेवाकी खीचड़ी सेर = या प्रकार शय्याके पास भोग धरनो। और साँझकों भोगके दर्शन समय जलमें विराजें । केला ४ की कुञ्ज बाँधनी फुआरा छुटे । सन्ध्या आरती पाछे शृङ्गार चन्दन बड़ो कार स्नान कराय, रात्री में आभरण रहे सो आभरण धराय शयन भोग धरनो । ताको प्रमाण । रोटीको चून सेर 50 वी सेर
॥ चोखा सेर 53॥ तुअरकी दार सेंर १ कढ़ी पापड़, बिलसारु, केरीके टूक सेर ॥ खाण्ड सेर 5॥ इलायची भासा ॥ केशर मासा ॥ बरास रत्ती 1 गुलाबजल भोगधार, समय भये भोगसरायके नित्यकी रीति प्रमाण आरती करनी और अनोसरको भोग अनोसरमें रहे ॥
ज्येष्ठ वदि ९ सुपेत पड़दनी, पाग गोल, चन्द्रका सादा ॥ ज्येष्ठ वदि १० वस्त्र फूल गुलाबी, सूथन, पटुका, फेंटा॥
ज्येष्ठ वदि ११ वस्त्र अरगजी, पिछोड़ा, पाग गोल, खरबूजा २५ बूरो सेर १० खरबूजा उत्सवकू श्याम स्वरूपको।