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थारको बेसन सर ७॥ यामें मिलायबेको खोवासेर 5॥ घी सेर । 5१ खाण्ड सेर ऽ३॥ इलायची मासा ४ केशर मासा ३॥॥
चैत्र सुदि ९ रामनवमीको उत्सव । ता दिन अभ्यङ्ग होय । वस्त्र केशरी । बागो चाकदार । सूथन लाल अतलसको। पटुका केशरी, कुल्हे केशरी, जाड़ सादा चन्द्रका ९ को ठाड़े वस्त्र सुपेद । आभरण हीराके पलंगपोस । राजभोगमें खोवाकी गुझिया। ताको मैदा सेर ॥ घी सेर ॥ पाकवेकी खाँड़ सेर ॥ भरिवेको खोवा सेर = बूरा सेर ॥ इलायची मासा १॥ फूलमण्डलीअवश्य करनी । पञ्चामृत तथा उत्सवभोगको प्रकार वामनजी प्रमाण । राजभोग सरे पाछे पञ्चामृतकी तैयारी करनी । दूध ॥ दही । पीs- बूरो ॥ मधु सेरऽ= पट्टा केलाको पत्ता पिछावनों । ताके ऊपर सब साज धरनो । जलको लोटा १ यमुनाजलकी लोटी १ तथा सङ्कल्पकी लोटी १ और एक तबकड़ीमें कुम्कुम्, अक्षत
और अरगजाकी कटोरी । और एक पड़पीपें पञ्चामृत करायवेको शंख धरनों । एक लोटा तातो जलको सुहातेको समोयके। एसे सब तैयारी करके सिंहासनके आगे मन्दिर वस्त्र करि कोरी हलदीको अष्टदल कमल करि ताके ऊपर परात माड़िये।
तामें पीढ़ा बिछाय तापें रोरीको अष्टदल कमल करि तापें पीरो || दरियाईको पीताम्बर दुहेरो बिछावे और पंचामृतको साज सब पास धरिये दर्शनको टेरा खोलनो। पाछे घण्टा, झालर, शंख, बाजत झांझ, पखावज बजे कीर्तन होय । पाछे प्रभुसों आज्ञा || मांगके छोटे बालकृष्णजीकूँ अथवा सालगरामजीकू अथवा । श्रीगिरिराजजी. पीढ़ा ऊपर पधरावने । ता पीछे चरणार|विन्दमें महामन्त्रसों तुलसी समर्पिके पाछे श्रोताचमन प्राणायाम |
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