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सेर ऽ२ घी सेर ऽ२ बूरो सेर ऽ६ दही सेर ऽ४ इलायची मासा६ अभ्यंग होय । वस्त्र श्वेत । बागो घेरदार । पाग वारकी खिड़कीकी । ठाडे वस्त्र लाल । चन्द्रका सादा । आभरन वसन्ती। कर्णफूल ४ शृंगार मध्यको, गोपीवल्लभमें नित्यकी सखड़ीके पलटे सेवको थार आवे सेव सेर ऽ॥ खाण्ड सेरऽ१॥ इलायची मासा 5॥ राजभोगमें पूवाकी सामग्रीको चून सेर ७१ घी सेर 59 गुड़ सेर ३१ चिरोंजी । कारी मिरच पैसा ४ भरि । छाछिबडा, शाक ४ भुजेना २ खीर सञ्जावकी, चोखाकी करनी साज सब पलटनो । खेल भारी करनो । सखडीमें मेवा भात पाटीयाकी, तीनकूड़ा, छड़ियलदार । साज अनोसरमें सब रहे खेलको शय्याके पास अतरकी शीशा रहे। वाही दिना फेंटमें गुलाल, अबीर होय । और नित्य तो गुलाल ही फेंटमें होय । और . धूरेड़ी जुदी होय तो अबीर फेंटमें भरनो। और नित्य फूलकी। दोछड़ी धरनी २ साँझको शृंगार बडो होय । हमेल सोनेकीही पहरें । शयनमें वेत्र सोनेको ठाड़ो करनो । राल सेरऽ१ उडे । | तामें अबीर सेरऽ१ मिलायके उड़े। गुलाल सेरऽ१ उड़ावनो। |ता पाछे आरती करनी । अनोसरमें थार १ भोग धरनो। ताको प्रमाण । बरफी सेरऽ। बदाम 5= पिस्ता ऽ= मिश्रीऽ दाखऽ= छुहारे 5= खोपरा 5- बीज कोलाके 5 खरबूजाके 5= बीड़ा ४ यह थालमें साजके शय्याके पास ढांकिके धरनो।जो होरीको डोलको उत्सव भेलो होय तो अभ्यंग पहले ही दिन करावनो। और शृंगार पहले दिन होरीको लिख्यो है ता प्रमाण करनो।
और गोपीवल्लभमें सेव तथा राजभोगमें पूवातो होरी होय ताही || दिन अरोगे । और सखड़ी अनसखड़ीको प्रकार पहले दिन । अरोगे । सामग्री-ऊकरकी मूंगकी दार सेर ॥वी सेर ॥ बूरो।
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