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________________ Ramananews तामें साँठाके टूक, बैंगन, सिंघाडे, कचरिया, झड़बेर, चनाकी भाजी धरके चारचों आड़ी धरने। ऐसेही माटीकी दोय अंगीठीमें साँठाके टूक, बेंगन सिङ्घाडे आदि धरके छबड़ा ढाकिके दोऊ आड़ी अँगीठी धरनी और अंगीठी कोलानकी तैय्यार करके धरनी । और पञ्चामृतकी तैयारी सब करके एक पटा धरनी। पीताम्बर गदल सब तैयारी कर राखनी । संकल्पकी लोटी १ जलको लोटा समोयके चन्दनकी कटोरी, दूध, दही, घृत, बूरो, मधु, रोरी, कुम्कुम्, अक्षतकी तबकड़ीमें तुलसीदल, अंगवस्त्र, शीतलजलको लोटा, बीड़ा २ और शंख १ पड़घीपें धरनो।या प्रकार तैयारी करके पाछे श्रीठाकुरजीकूँ मण्डपमें साङ्गामाँचीपे दक्षिण मुख पधरावने । दर्शन खोलने । पाछे तीन बिरियां जगावने सो ता समय यह श्लोक पढनो-“उत्तिष्टोत्तिष्ठ गोविन्द त्यज निद्रां जगत्पते ॥ त्वय्युत्थिते जगन्नाथ झुत्थितं भुवनत्रयम् ॥ १॥ त्वयि सुप्ते जगन्नाथ जगत्सुप्तं भवेदिदम् ॥ उत्थिते चेष्टते सर्वमुत्तिष्टोत्तिष्ट माधव"॥२॥ ऐसे तीन बेर जगायके पाछे पञ्चामृतस्नान सालगरामजीकों करावनों। श्रौताचमन प्राणायाम करि संकल्प करनों-"ॐहरिः ॐ श्रीविष्णुर्विष्णुः श्रीमद्भगवतो महापुरुषस्य श्रीविष्णोराज्ञया प्रवर्त्तमानस्याद्य श्रीब्रह्मणो द्वितीयाहरार्दै श्रीश्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरेऽष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे बौद्धावतारे जम्बूद्वीपे भू.के भरतखण्डे आर्यावर्तान्तर्गत ब्रह्मावर्त्तकदेशेऽमुकमण्डलेऽमुकक्षेत्रेऽमुकनामसंवत्सरे श्रीसूर्ये दक्षिणायने शरहतौ कार्तिकमासे शुक्लपक्षेऽद्य हरिप्रबोधन्येकादश्यां शुभवारे शुभनक्षत्रे शुभयोगे शुभकरणे एवंगुणविशेषणविशिष्टायां शुभपुण्यतिथौ श्रीभगवतः पुरुषो REPORTERED meroen .
SR No.010554
Book TitleVallabhvrushti Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGangavishnu Shrikrushnadas
PublisherGangavishnu Shrikrushnadas
Publication Year1937
Total Pages399
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationInterfaith & Hinduism
File Size121 MB
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