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________________ । भोग समय खण्डकी सिदीपे धरने । शयनमें गुड़धानी धरनी।। | गेहूँ सेर ऽ२ घी सेरऽ। गुड़ सेर ७२ तामें कछू चार नग भोग धरनें । पाछे शयनके दर्शन खुलें तब रेवड़ी, ऊपर फेंकवेके भावसों धरनों । भादो सुदि ५ श्रीचन्द्रावलीजीको उत्सव । अभ्यङ्ग होय, साज भारी, बन्धनवार बाँधनी । वस्त्र किनारीदार चूनरीके। पिछोड़ा, कुल्हे, जोड़ चमकनों, चरणचौकी || वस्त्र हरयो । आभरण हीराके । राजभोगमें सामग्री दहीको मनोहर ।ताको चोरीठा सेर = मैदाऽ घी सेर 5॥खांड सेरऽ६ दही सेरऽ॥इलायची तोला आरती थारीकी करनी॥ भादो सुदि ६कूँ वस्त्र पञ्चरङ्गी लहेरियाके । पिछोड़ा, । पाग गोल, कलंगी, ठाड़े वस्त्र हरयो॥ भादो सुदि ७ पिछोडा, पाग गोलचन्द्रका सादा, ठाड़े वस्त्र । पीरे। आभरण हीराके । दार तुअरकी। सामग्री छूटी सेवको मैदा सेर ॥ घी सेर ॥ खांड सेर 5१ पागवेकी ॥ भादोसुदि ८ श्रीराधाष्टमीको उत्सव । ___साज सब जन्माष्टमीको । आगले दिन शयन पाछे बाँध राखनो । सब दिनको नेग बूंदीके लडुवाको । अभ्यंग होय । मंगला आरती पाछे, श्रीस्वामिनीजीकों स्नान करायवेकू दूध सेर ऽ२ तामें बूरा सेर । पाछे पीरी दरियाईकी साडी, चोली पहरावनी । और नूपुर, चूडी, तिनमनीयां, नथ इतने आभरण राखने। थालमें, छोटो पटा धरके तापे लाल दरियाई बिछायके पधरावने स्वामिनीजीकों । झालर, घण्टा, शङ्ख बाजे । तिलक करि अक्षत लगाय दोय दोय बेर करने । पाछे शंखसों दूधसों स्नान करावनों । पाछे जलसों स्नान करायके अंगवस्त्र do - । Date । D ESERMODEREDEEOBNCIEND
SR No.010554
Book TitleVallabhvrushti Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGangavishnu Shrikrushnadas
PublisherGangavishnu Shrikrushnadas
Publication Year1937
Total Pages399
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationInterfaith & Hinduism
File Size121 MB
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