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आप के लाभ की बात !
धार्मिक साहित्य सृष्टि में अपनी उच्चतम उपयोगिता, बेहद सस्ताई और सुन्दर छपाई के कारण धूम मचा देनेवाले प्राणवान साहित्य की खूब ही मांग है । इस संस्था द्वारा प्रकाशित अनेक प्रन्थों के ६-७ महीनो ही मे दो दो तीन तीन हजार प्रतियां वाले दो दो स्करण प्रकाशित हो चुके हैं, फिर भी मांग ज्यों की त्यों चालू है । इस संस्था के सभ्य हो जाने से आपको घर बैठे ही स्वल्प मूल्य में भगवान महावीर की पीयूषवर्षी वाणी का, महापुरुषो के अनुभूत वचनामृतों का और ज्ञानी पुरुषों के ज्ञान भण्डार का लाभ मिल सकता है। ज्ञान के इस युग में आप ही ज्ञानार्जन के साधन बिना क्यों रहते हैं ? आज ही केवल रु०२) भेज कर इस संस्था के स्थायी सभासद बन जाइये । विशेष जानने के लिये बड़ी नियमावली मंगा कर पढिये ।
उक्त पुस्तकें मिलने के ठिकाने:
१ -- महावीर साहित्य प्रकाशन मन्दिर, ठि० एलिस त्रिज, अहमदाबाद
२- दिनकर मन्दिर,
ठि० सावरमती, अहमदाबाद
३ - अजरामर जैन विद्याशाला,
ठि० लींबडी ( काठियावाड़ )
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