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वविभक्ति
(३४) जर संस्थान कोलस्पर्श बाला समझनी चाहिये रस, गंध, (३५) जो पगार संस्थान की भजना हो उसमें
) जो पुद्गल कसैले रसवाला हो उसमें वर्ण, गंध, स्पर्श * और संस्थान की भजना समझनी चाहिये। २) जो पुद्गल खट्टे रसवाला हो उसमें वर्ण, गंध, स्पर्श और
संस्थान की भजना समझनी चाहिये। .३३) जो पुद्गल मीठे रसवाला हो उसमें वर्ण, गंध, स्पर्श और
__ संस्थान की भजना समझनी चाहिये । (३४) जो पुद्गल कर्कश स्पर्श वाला हो उसमें वर्ण, रस, गंध, स्पर्श
और संस्थान को भजना समझनी चाहिये। (३५) जो पुद्गल कोमल स्पर्श वाला हो उसमें वर्ण, रस, गंध,
स्पर्श और संस्थान की भजना समझनी चाहिये। (३६) जो पुद्गल भारी स्पर्शवाला हो उसमें वर्ण, रस, गंध,
और संस्थान की भजना समझनी चाहिये ।। (३७) जो पुद्गले हलके स्पर्श वाला हो उसमें वर्ण, रस, गंध
और संस्थान की भजना समझनी चाहिये। (३८) जो पुद्गल ठडे स्पर्श वाला हो उसमें वर्ण, रस, गंध और । संस्थान की भजना समझनी चाहिये। (३९) जो पुद्गल गर्म स्पर्श वाला हो उसमें वर्ण, रस, गंध और
संस्थान की भजना समझनी चाहिये। (४०) जो पुद्गल चिकने स्पर्श वाला हो उसमें वर्ण, रस, गंध
और संस्थान की भजना समझनी चाहिये। (४१) जो पुद्गल रूखे स्पर्श वाला हो उसमें वर्ण, रस, गंध
__ और संस्थान की भजना समझनी चाहिये। (४२) जो पुद्गल परिमंडल आकृति का हो उसमें वर्ण, गं
और स्पर्श की भजना समझनी चाहिये ।
(३७) जोर संस्थान का पर्श बाला हो होस, गंध और