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अध्याय ३०
बरा०
| यहां वहुवचनांत शब्दका उल्लेख न कर 'तद्विगुणद्विगुणों' यह द्विवचनांत शब्दका उल्लेख करना
चाहिये? सो ठीक नहीं। समान प्रमाणके धारक आदि और अंतके सरोवर और कमलोंसे दक्षिण पापा | और उत्तरके सरोवर और कमल लंबाई आदिकी अपेक्षा दूने दूने हैं अर्थात् पहिले पद्मसरोवर कमलसे. IM तीसरे तिगिंछ सरोवर वा कमल तक लंबाई आदि दूनी दूनी है । एवं अंतके पुंडरीक सरोवर वा कमल ||
से पहिले केसरी तक सरोवर वा-कमल, लंबाई आदिमें दूने हैं यह यहां तात्पर्य विवक्षित है । इस विव| क्षित अर्थक अज्ञानसे उपयुक्त दोष यहां लागू नहीं हो सकता इसलिए 'तद्विगुणद्विगुणा" यह बहुवच- 18
नांत प्रयोग असाधु नहीं अर्थात् पहला पद्म और पहला सरोवर ये दो ही यहां द्विगुणताकेलिए विव- |क्षित नहीं है किंतु उच्चरके सभी दक्षिणके पद्मसरोवरोंके समान द्विगुणित हैं इस अर्थको विवक्षा होनेसे | बहुत पद्म और सरोवरोंके वर्णनकी अपेक्षा बहुवचन प्रयोग ही आवश्यक है। यदि यहां पर यह शंका है की जाय कि
तत् शब्द पूर्वनिर्दिष्ट अर्थका ग्राहक होता है किंतु जिस अर्थका ऊपर निर्देश नहीं किया गया है। BI उसका तत् शब्दसे ग्रहण नहीं हो सकता। ऊपर पाहिले पद्म सरोवर वा कमलकी लंबाई आदि कहीं 18 गई है.इसलिये पहिले सरोवर और कमलकी अपेक्षा आगेके सरोवर और कमल लंबाई आदि में दूने 5 ॥ दूने लिये जासकते हैं। परंतु अंतके सरोवर वा कमलकी लंबाई चौडाईका वर्णन नहीं किया गया किंत
आगे किया जायगा इसलिये उससे उत्तरके पहिले सरोवर वा कमल लंबाई आदिकी अपेक्षा दूने दूने नहीं लिये जासकते । सो ठीक नहीं। क्योंकि
.बहुवचननिर्देशात्तद्ब्रहणः॥३॥ .. ११३
NECTORWARGAORAKARMER
PROMORREKHADRABINERSHIRDERABASALA