SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 223
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जन पदाथाका - • २०५ थोंकी परस्पर विशेषताके ज्ञानके लिए अल्प बहुत्वका सूत्रमें उल्लेख किया गया है अर्थात्-यह पदार्थ || ०रा० || इससे छोटा है यह बड़ा है इसतरहसे भी पदार्थका निश्चय होता है इसलिए छोटा बडा रूप विशेष का | ज्ञान करानेके लिए सूत्रमें अल्पबहुत्वका ग्रहण है । शंका-. | निर्देशवचनात्सत्त्वप्रसिद्धरसद्गृहणं ॥११॥ न वा कास्ति व नास्तीति चतुर्दशमार्गणास्थानविशेषणार्थत्वात् ॥१२॥ निर्देश स्वामित्वसाधनादि सूत्रमें पदार्थोंके ज्ञानका कारण निर्देश कह आए हैं और नाममात्र | l कथन करना उसका अर्थ है । जो पदार्थ असत् है-जिसकी संसारमें सत्वरूपसे प्रसिद्धि नहीं है जैसे कि ||5गधेके सींग आदि उसका निर्देश हो नहीं सकता किंतु सत् पदार्थकाही निर्देश होता है इसलिये निर्देश18 के कहनेसे ही सत्के कहनेका प्रयोजन निकल आता है फिर सत्संख्याक्षेत्रस्पर्शनादि सूत्रमें सत् प्रत्ययl का ग्रहण व्यर्थ है ? सो नहीं। यदि सत् शब्द सामान्यसे सम्यग्दर्शन आदिके सत्वका कहनेवाला हो | तब तो निर्देशमें उसका अंतर्भाव हो जानेसे जुदा उसे पदार्थोके ज्ञानका कारण बतलाना व्यर्थ है किंतु गति इंद्रिय काय योग आदि जो चौदह मार्गणा बतलाई हैं उनमें किस जगह किस प्रकारका सम्यग् || दर्शन है किस प्रकारसे नहीं है ? इसप्रकारके विशेषका ज्ञान सवसे ही होता है। निर्देशसे यह ज्ञान है। नहीं हो सकता इसलिये सूत्रमें सब शब्दका ग्रहण व्यर्थ नहीं कहाजा संकता और भी यह बात है कि . . सर्वभावाभिगमहेतुत्वात् ॥१३॥ । सूत्रोंका यह नियम है कि जो बात सूत्रके अंदर नहीं होती उनकी अनुवृचि दूसरे सूत्रोंसे कर 15 ली जाती है। निर्देश स्वामित्वेत्यादि सूत्रमें सम्यग्दर्शन और जीव आदिकी अनुवृत्ति है क्योंकि ऊपर-5२०५ से उनका अधिकार चला आ रहा है। यदि सत्संख्याक्षेत्रेत्यादि सूत्रमें सत् शब्दका उल्लेख न किया कन्कन्छन बबरमहल
SR No.010551
Book TitleTattvartha raj Varttikalankara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGajadharlal Jain, Makkhanlal Shastri
PublisherBharatiya Jain Siddhant Prakashini Sanstha
Publication Year
Total Pages1259
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy