________________
संयार करने का यही हद उपाय है कि समाज मे तीज गति से ज्ञान फा प्रचार किया जाय। शिक्षण शिविर-योजना के शुभारभ और पाठावलियो के प्रकाशन से उक्त ध्येय की पूति का किचित् प्राश्वासन मिलता है।
प्राशा है, मुनिश्री वर्षों से लगनपूर्वक चिन्तन व मनन किये हुए अपने ज्ञान तथा प्रादरणीय बहुश्रुत प० २० मुनि श्री समरयमलजी म०. सा० द्वारा प्राप्त गूढ धर्म रहस्य को जन-साधारण तक सुगमता से पहुंचा सकेंगे और अपने विशुद्ध निर्मल साहित्य रचना के द्वारा जैन जगत को इसी प्रकार मविष्य मे भी लाभान्वित करते रहेंगे।
सम्पतराज डोसी
- मत्री साधु-मार्गी जैन धार्मिक पाठशाला
जोधपुर (राजस्थान)
-
-