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पाठ १३–एयस्स नवमस्स प्रश्नोत्तरी
पाठ १३ तेरहवा 'एयरस नवमस्स' प्रश्नोतरी
॥प्र०: अतिचार किसे कहते है ? उ०: व्रत के तीसरे दोष को। व्रत भग करने का विचार
होना १. 'अतिकम' है। साधनो को जुटा लेना २. 'व्यतिक्रम' है। व्रत को कुछ भग करना । ३. 'अतिचार' है तथा व्रत को सवथा भग कर देना
४. 'अनाचार' है। ये व्रत के सब चार दोष हैं। . प्र० : 'दुष्प्रणिधान' किसे कहते हैं ? उ० : मन, वचन या काया के योग को अशुभ प्रवृत्ति
मे लगाना तथा अशुभ प्रवृत्ति मे एकाग्र बनाना
'दुष्प्रणिधान' है। प्र० : सुप्रणिधान किसे कहते है ? उ० : मन, वचन या काया के योग को शुभ प्रवृत्ति मे लगाना
तथा शुभ प्रवृत्ति मे एकाग्र बनाना 'सुप्रणिधान' है। 'प्र० : सामायिक की स्मृति न रखने का क्या भाव है ? उ० : १. सामायिक का प्रत्याख्यान लेना ही भूल जाना।
२ 'अभी मैं सामायिक मे हूँ'-यह भूल जाना। ३. 'मैंने सामायिक कब ली', ४ 'कितनी ली'-यह भूल जाना। ५ 'वर्ष मे या महीने मे इतनी सामायिक करूंगा'---इस प्रकार लिए हुए प्रत्याख्यान को भूल
जाना। इत्यादि। प्र० : सामायिक को अनवस्थित करने का क्या भाव है ? उ० : १. सामायिक विधि से न लेना । । २. विधि से न