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________________ २७२ ] जैन सुबोध पाठमाला--भाग १ भी धराना, जिससे आपका व दूसरो का भी जीवन मगलमय बने। ॥ इति ६. छोटी बहू : रोहिणी की कथा समाप्त ॥ -श्री नाता पर्मफ्थाग सूत्र, अध्ययन ७ के प्राधार से। शिक्षाएं १ वडो के द्वारा दी गई वस्तु छोटी न समझो । २. प्राप्त वस्तु का सरक्षरण, मगोपन और मवर्धन करो। ३. ऐसा करने वाला उन्नति प्राप्त करता है। ८. फल पाने मे घोरज रक्खी । प्रश्न १ रोहिणी प्रादि नाम के अर्थ बतायो । २. रोहिणी सबसे अच्छी बहूँ क्यो कहलाई ? ३ रोहिणी प्रादि को क्या क्या कार्य सौंपे गये ? ४ धन्ना ने सब के सामने परीक्षा क्यो को ? ५. आपको रोहिणी से क्या शिक्षाएँ मिलती हैं ? कथा-विभाग समाप्त
SR No.010546
Book TitleSubodh Jain Pathmala Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParasmuni
PublisherSthanakvasi Jain Shikshan Shivir Samiti Jodhpur
Publication Year1964
Total Pages311
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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