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श्रापका व्यापार लखमेश्वर है, जो गा० हीराचन्दजी लन्छीरामजी के नाम की तीन फर्म है। इनके सुपुत्र श्री ताराचन्दजी उनके सम्पूर्ण कार्यो के उत्तराधिकारी हैं, जो सब कार्य अपने पूज्य पिताजी श्री की इच्छानुसार चला रहे है। आप बड़े व्यवसायी ही नहीं, बल्कि धर्म-प्रेमी भी हैं एव प्रागा है कि आगे भी ज्ञान-दान मे, समाज-सेवा में अपने द्रव्य का सदुपयोग करते रहेगे तथा पूर्वजो की कीर्ति को अमर बनाने मे विशेष रूप से अग्रसर रहेगे--ऐसी ही वीर प्रभु से हमारी हार्दिक प्रार्थना है।
निवेदक,
सम्पत जेन रडावास गृहपति, श्री वर्द्धमान स्था० जन छात्रालय, राणावास (मारवाड़)