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आपने अपना मूल्य समय देकर इस पाठ्यक्रम को तैयार किया इसके लिये समिति श्रापका हार्दिक अभिनन्दन करती है और भविष्य मे नो इस प्रकार के श्रागमानुकूल माहित्य सेवा में श्रापके सहयोग की श्राशा रती है ।
'सुबोध जैन पाठमाला - प्रथम भाग' का प्रकाशन प्रापके हाथों में है । द्वितीय और तृतीय नाग का प्रकाशन भी शीघ्र ही होने जा रहा है। चतुर्थ और पश्चम भाग, तोर्नो नागों के प्रकाशन के अनन्तर भविष्य के लिये विचाराधीन रखे गये हैं ।
'सुबोध जैन पाठमाला - प्रथम भाग के लिये द्रव्य- सहायक के रूप में दानवीर सेठ श्रीमान् होराचन्दजी लच्छीरामजी मूथा, राणावास, ने जो पना सहयोग प्रदान किया, वह समान मे शुद्ध धार्मिक शिक्षरप के प्रचार की उनकी हार्दिक रुचि को प्रगट करता है और समाज के धनी-मानी सज्जनों को इस ओर प्रेरित होने को श्रादर्श परम्परा उपस्थित करता है । शिक्षण शिविर समिति उनके सहयोग की साभार नोंध लेती है और पनी कृतज्ञता व्यक्त करती है ।
हीराचन्द कटारिया, राणावास
अध्यक्ष,
श्री स्थानकवासी जैन शिक्षण शिविर समिति, जोधपुर.
धींगड़मल गिड़िया जोधपुर
मन्त्री