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उद्देश्य श्रीमान न्यायासकार जी का इस विद्वत्ता पूर्ण प्रम के लिखने का है, इसके लिये मैं पण्डित जी को भूरि २ प्रशंसा करता हूं, इन कृतियों केलिये समाज उनका सदैव कृतज्ञ रहेगा। .
रामप्रसाद जैन शास्त्री, स्थान-दि. जैन मदिर, सम्पादक-दि० जैन सिद्धांत दपण, भूलेश्वर कामवादेवी बंबई, (दि. जैन पंचायत बम्बई) १-१-१९४७।
प्रकाशक के दो शब्द अभी दिगम्बर जैन सिद्धांत दर्पण के तीनों भाग बम्बई की दिगम्बर जैन पंचायत ने ही अपने व्यय से छपाकर सर्वत्र विना मूल्य भेजे हैं। इस महत्व पूर्ण प्रन्थ को भी बम्बई पंचायत हो अपाना चाहती थी परन्तु कबलाना में नादगांव निवासी श्रीमान सेठ बंशीलाल जी काशलीवान तथा सांगली निवासी श्रीमान सेठ गुलाबचंद जी शाह ने अन्य के विषय को संयत पर निर्णायक समझकर इसे प्रत्युपयोगी समझा और बहुत सन्तोष व्यक्त किया दोनों महानुभावों की इच्छा थी कि वह प्रन्य हमारे द्रव्य से छपा पर बांटा जाय। बम्बई पंचायत ने उन दोनों भीमानों को सदिच्छा को स्वीकार किया है। २४०-२५० प्रति दोनों सजनों के द्रव्य से बाई गई है। इस धर्म प्रेम पूर्ण सहायता के लिये पचायत एक दोनों महानुभावों को बहुत धन्यवाद देती है। हम समझते हैं कि जिस सिद्धांत रक्षण के सदुरेश्य से बम्बई पंचायत