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________________ संघ-व्यवस्था १०७ से मुक्त अनुशासन को कभी मूल्य नहीं दिया। भगवान् के धर्म-संघ में दस प्रकार की मामाचारी का विकास हुना। उसमें एक सामाचारी है 'इच्छाकार'। कोई मुनि किसी दूसरे मुनि को सेवा देने से पूर्व कहता-'मैं अपनी इच्छा ने आपकी सेवा कर रहा हूं।' दूसरों से संवा लेने के लिए कहा जाता-'यदि आपकी इच्छा हो तो आप मेरा यह कार्य करें।' सेवा लेने-देने तथा अन्य प्रवृत्तियों में बलप्रयोग वजित था । आपवादिक परिस्थितियों के अतिरिक्त आचार्य भी बन का प्रयोग नहीं करते थे। दिनचर्या भगवान् ने साधु-संघ की दिनचर्या निश्चित कर दी। उनके अनुसार मुनि दिन के पहले प्रहर में स्वाध्याय, दूसरे में ध्यान, तीसरे में भोजन और चौथे में फिर स्वाध्याय किया करते थे। इसी प्रकार रात्रि के पहले प्रहर में स्वाध्याय, दूसरे में ध्यान, तीसरे में शयन और चौथे में फिर स्वाध्याय ।' वस्त्र भगवान् ने परिग्रह पर बड़ी सूक्ष्मता से ध्यान दिया। भगवान् ने दीक्षा के समय एक शाटक रगा था। यह भगवान् पावं की परम्परा का प्रतीक था। कुछ समय बाद भगवान् विवस्त हो गए। वे तीर्थ-प्रवर्तन के बाद भी वियस्त रहे। उनका तीधं में दीक्षित होने वाले विवस्त्र रहे या सवस्त्र प्रश्न का उत्तर एकांगी दृष्टिकोण से नहीं मिल सकता। जितेन्द्रिय होने के लिए वस्त्रयाग का परत मूल्य है। अतीन्द्रिय ज्ञान की उपलब्धि में वह बहुत सहायक होता है। फिर भी स्याद्वाद-सृष्टि के प्रवर्तक ने विवस्त्रता का ऐकान्तिका विधान लिया हो, ऐमा प्रतीत नहीं होता। यदि लिया हो तो उसे स्वीकारने में मुझे कोई आपत्ति नहीं तोगी। मुनि के वस्त्र रखने की परम्परा उत्तरकालीन हो तो उसे विचार का विस्तान पायवहार मा अनुपालन मानना मुझे संगत लगता है। विगत र नव्य ही रचीकृति पयायं गोवल निकट है कि भगवान् का काय शिवाज करने की और का। भगवान् पावं का शिष्य भिवन्त राने में सक्षम थे। म नियति में भगवान् गधोनों विचारों का सामंजस पार नल और गोल-दोनों को मान्यता दे हो। इन मान्यता कारण भगवान् पायं मे माप का बात का भाग भगवान महावीर मशागन मम्मिलित हो गया। या निमो समरित्रहीन दिलाने का निर्देश दिया। दो पर और भूदनु पार होना पानीका पनि से पार पाल जानी और मा मेर ५. .
SR No.010542
Book TitleShraman Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year
Total Pages389
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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