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महावीर-वाणी
( १३८ ) लखूण विभारियत्तणं, अहीणपंचिन्दिया हुदुल्लहा । विगलिन्दियया हुदीसई, समय ! गोयम मा पमायए ॥१६॥
( १३६ ) अहीणपंचेन्दियत्तं पि से लहे, उत्तमधम्मसुई हुदुल्लहा । कुतित्यिनिसेवएजणे, समयं गोयम! मा पमायए ॥१७॥
( १४० )
लण वि उत्तम सुइँ, सहहणा पुणरावि दुल्लहा । मिच्छत्तनिसेवएजणे, समयं गोयम! मा पमायए ॥१८॥
( १४१)
घम्म पि हु सद्दहन्तया, दुल्लहया कारण फासया। इह कामगुणेहि मुच्छिया, समयं गोयम! मा पमायए ॥१६॥
(१४२ )
परिजूरह ते सरीरयं, केसा पंडुरया हवन्ति । से सब्बरले य हायई, समयं गोयमीमा पमायए ॥२०॥