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विषय.
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बत्री अनंतकायनी जातिनां नाम.
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अनंतकायनां लक्षण. चौद नियम, प्रत्येक दिवसें धारवा, तेनां नाम तथा स्वरूप. ७४
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पंदर कर्मादाननुं स्वरूप, सविस्तर पणे. पंदर कर्मादान रखवानी विगत.
जोगोपनोग विरमणव्रतना पांच प्रतिचार. अष्टम अर्थ
विरमणव्रतस्वरूपं.
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सप्रयोजनार्थमना चार प्रकारनुं स्वरूप. प्रथम निष्टसंयोग ने बीजुं इष्ट वियोग श्रार्त्तध्याननुं लक्षण, एए त्रीजुं रोगनिदान श्रार्त्तध्याननुं लक्षण. चोथुं अशोच आर्त्तध्याननुं लक्षण. पेहेलु हिंसानंद रौद्रध्याननुं लक्षण. बीजुं मृषानंद रौद्रध्याननुं लक्षण.
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त्रीजुं चौर्यानंद रौद्रध्याननुं लक्षण. चोथुं संरक्षणानंद रौद्रध्याननुं लक्षण. यहीं सुधी प्रथम प ध्यान अनर्थ दमना यार्त्तध्यान ने रौद्रध्यान, ए बे जेद बे. ते प्रतिदो सहित का.
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वीजुं पापकर्मोपदेश अनर्थदंमनुं लक्षण. त्रीजुं हिंसप्रदान अनर्थदंमनुं लक्षण. चोथुं प्रमादाचरित अनर्थदंमनुं लक्षण. अर्थ विरमणव्रतना पांच प्रतिचारनुं स्वरूप.
नवम सामायकनामक प्रथम शिक्षाव्रतस्वरूपं सामायकमा लागता बार कायना, दश मनना ने दश वच ना. ए रीतें वधा मली वत्रीशं दोषनां नाम तथा लक्षण. सासवा पांच विचारतं aau
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