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सम्यक् आचार : सम्यक् विचार
अर्थात्
[ सारणतरण श्रावकाचार, पंडित पूजा, मालारोहण और कमलबत्तीसी ग्रंथों का अनुवाद ]
मूल प्रणेना १६ वीं शताब्दी के महान् संत श्री गुरु तारणतरण स्वामी जी महागज
प्रस्तावना-लेम्यक
डॉ० हीरालाल जी जैन डायरेक्टर-वैशाली प्राकृत जैन विद्यापीठ, मुजफ्फरपुर (बिहार)
सम्पादक
समाजरत्न, धर्मदिवाकर ब्रह्मचारी पूज्य श्री गुलाबचन्द्र जी महाराज
अनुवादक भक्तामर, रत्नकरण्ड श्रावकाचार, तारणत्रिवेणी आदि के पद्यानुवादक
''कविभूषण" श्री अमृतलाल जी "चंचल"