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शुद्धिपत्रक
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शुद्ध हरिभद्र के (ईसा-पूर्व दूसरी शती) ने मज्झिमिया उपदेशपद की प्रशस्ति परिशिष्ट १ रममारण मानाह सस्कृत या तद्भव सुनीतिकुमार चटर्जी विविध शक्तियो की अधिष्ठायक
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प्रशुद्ध हरिभद्र ने (ईसा-पूर्व दूसरी शतीने) मज्ज्ञिमिया उपदेश की प्रशस्ति परिशिष्ट २ रमाण मानाई संस्कृत, तद्भव सुनीतकुमार चटर्जी विविध शक्ति की अधिष्ठापक p. 24 से दुट्टिच मे दुस्युय अहितिया निग्गज्ञा परिजात्तई धैरसुमुसा " च्छार्योजतो धनाड्य तक-पुरस्सर शिववर्त्य
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से दुद्दिट्ट च भे दुस्सुय अहिंसिया निग्गथा परिजाणइ थेरसुनुसा • च्छायार्जित धनाढच तर्कपुरस्सर शिववर्म
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