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________________ मूलार्थः-जंबूद्वीप नामना द्वीपमा भरतक्षेत्रमा आ अवसर्पिणीमां वार चक्रवर्ती थया छ तेना पिताना नामो आ लप्रमाणे-ऋषभ १, सुमित्रविजय २, समुद्रविजय ३, अश्वसेन ४, विश्वसेन ५, सूर ६, सुदर्शन ७, कार्तवीर्य ८, (४५), पद्मो. त्तर ९, महाहरि १०, विजयराजा ११ अने ब्रह्म १२ बारमा. आ चक्रवर्तीना पिताना नाम कह्या (४६)॥ ___ हवे चक्रवर्तीनी माताना नामो कहे छ__ मू०-जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए बारस चकवट्टिमायरो होत्था, तं जहा-सुमंगला जसवती भद्दा सहदेवी अइरा सिरि देवी । तारा जाला (जाला तारा) मेरा वप्पा चुलणि अपच्छिमा ॥ __ मूलार्थ:-जंबूद्वीप नामना द्वीपमा भरतक्षेत्रमा आ अवसर्पिणीमां बार चक्रवर्ती थया छे तेनी माताओना नामो आ प्रमाणे--सुमंगला १, यशोमती २, भद्रा ३, सहदेवी ४, अचिरा ५, श्री ६, देवी ७, तारा ८, ज्वाळा ९, मेरा १०, वमा ११ अने छेल्ली चुलणी १२ ॥ I हवे वार चक्रवर्तीना तथा तेना स्त्रीरत्नना नामो कहे छेल, मू०-जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए वारस चकवट्टी होत्था, तं जहा भरहो सगरो मघवं [ सणंकुमारो य रायसदलो । संती कुंथू य अरो हवइ सुभूमो य कोरवो मामाकामा
SR No.010536
Book TitleAgam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJethalal Haribhai
PublisherJain Dharm Prasarak Sabha
Publication Year1939
Total Pages681
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_samvayang
File Size44 MB
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