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भ० महावीर स्मृति-ग्रंथ ।
चुका है। ये पुल दश रूपमें प्रत्यक्ष हैं -( १ ) शब्द ( २ ) वध (३) सोक्षम्य (x) स्थाध्य (५) संस्थान ( ६ ) मेद (७) तम ( ८ ) छाया ( ९ ) आतप (१०) उद्योत । मूल रूपमें पुल के दो भेद हैं (१) अणु (२) स्कघ । अणु पदार्थों का सबसे छोटा [सूक्ष्म ] तथा अविभागी अश है, जो इन्द्रियातीत है । उसकी उप्तति मात्र भेदसे होती है [ भेदादणुः ] जैसे चाक को तोड़ते जाने पर उसका छोटेसे छोटा टुकडा, [ Smaller than the smallest ] जो दिख न सके अणु कहलायेगा । यह सब पदार्थोंका मूल है । अणुओंके मिलन तथा भेदसे स्कूष बनते हैं । अणु त्यां स्कॉरोही जगत् के समस्त पदार्थ बने हैं। तात्पर्य यह कि जगत् अणु समुदाय मात्र है ।
पुद्गलके इस निरूपणको यदि हम वैज्ञानिक मान्यताओंके आधारपर कहते हैं तो हमें अपने आचायोंकी महत्ताका अनुभव होता है। पुद्गलके विषयमें तो खास कर इनकी सूक्ष्म विवेश्चन शक्तिका पता लगता है, जो पूर्णत' वैज्ञानिक थी । पुलके दो अर्थ है ( १ ) पूरणात्मक [ Combinational ] एव ( २ ) गलनात्मक [ Disintegrational ]। आजका विज्ञानमी पदार्थोंमें तलाँ या योगोमें [ Elements and Compounds ] परस्पर सम्मिलन तथा बाह्य या अभ्यतर कारणों द्वारा विघटनकी प्रवृत्ति सिद्ध करता है। कहना तो यह चाहिये कि तत्वोंकी इन्हीं प्रकृतियोंके कारण विज्ञानने आज समस्त जगत्को चकित कर दिया है। [ जैसे परमाणु बम ] रेडियो सक्रियता [ Radio-activity ] तथा विघटल [ Dissociation, electrolytic etc.] के सिद्धान्त तथा Valency [ वचकता ] की परिभाषा स्पष्टही पदार्थों के उपर्युक्त दोनों गुणको साधित करती है। रेडियो - सक्रियता अतरंग तथा विघटन [ वैद्युतादि ] बाह्य कारणोंके फलस्वरूप होती है। यूरेनियमका एक परमाणु तीन तरहकी किरणें [as, y rays ] हमेशा प्रस्फुटित करता रहता है, जिसके कारण वह रेडियम और अतर्मे शीशा [ Lead ] में परिणत हो जाता है; जिसके गुण साधारण शीशा धातु मिलने है। सटही यह " गल्नार्थक " प्रवृत्ति है | Isolobes भी इस विषय में कुछ सहायता करते है । बधकताकी परिमापाभी, इसी प्रकार, पदार्थों में पूरकत्व शक्ति [ additions & sub traction ] प्रदर्शित करती है ।
यहां एक बात ध्यान रखने योग्य है कि पुगलसे हमारे आन्वायने - पदार्थ ( matter ) तथा शक्ति (Energy ) - दोनोंका ग्रहण किया है। जिसका अर्थ यह हुआ कि शक्ति भी भार आदि गुणोंसे समपन्न है । आज विज्ञानभी यही मानता है। शक्तिमें भार एव माप दोनों हैं ।
Energy is not weightless, but it has a definite mass
भार एव प्रतिमें क्या
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है, इस विषय में यह गुरु ( formula) प्रसिद्धी है। E = mass ( relocity of lght )2
araj कि पदार्थ और शक्ति दोनोंका एकहीसे ग्रहण होता है और वे एक है ।
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fare अनुसार बन्नु विविध गुण है जैसे पृथ्वी [solid ] के भार ( density), स्थितिस्थानकता [Elontıcity ], आप योग्यता [ heat conductivity ] आदि, चल [ 1 quil ] के साबुत ( vicocity ) दृषिवति [ surface tension ] आदि, वायु [ gas ]