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________________ दूसरी वंशावली ( श्रीमान् बाबू उलफतिरायजी सिंघई करहल द्वारा प्राप्त लँबेचुओंकी सन्तान उत्पत्तिका ब्योरा) राजा लोमकरण हुये लमकाञ्च देश ( लावा ) में वि० सम्वत् ३५३ में हुये उनकी सन्तान प्रतिसन्तानमें प्रसिद्ध ७ सात पुत्र हुये तिनसे गोत्र हुये तिनके नाम १ प्रथम सोनी २ चन्दोरिया ३ रपरिया ४ चकेवरिया ५ वजाज ६ राउत ७ पचोलये इन सातोंसे जो पृथक् पृथक सन्ताने हुई उनका न्योरा इस भांति है सो लिखा मुख्यतया प्रसिद्ध ये सात गोत्र ही है। (१) प्रथम सोनपाल द्वितीय नाम ललशाह सोनी गोत्र पुत्र पहिलेच्याहरू गभूरमलजी इन्होंने सरकारी नोकरी नहींकरी अपने घर पर ही रहै और पूजा प्रतिष्ठा कराई तव पिताने कही आप बड़े हो पिता दाखिल हो आपकी इजतको वे नहीं पाशक्त हैं ये सोनी रहै । (२) सोनपाल । ललशाहजीने दूसरा व्याह किया ताके ७ सात पुत्र भये प्रथम सँघई पदस्थ धारी हमीर जो राजाके
SR No.010527
Book TitleLavechu Digambar Jain Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZammanlal Jain
PublisherSohanlal Jain Calcutta
Publication Year1952
Total Pages483
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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