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________________ * श्री लँबेचू समाजका इतिहास * (४) चौथे पुत्र श्रीचन्द्रमणि (चन्द्रसेन ) ये चन्द्रपाल के सत्ता के चन्दवरिया १ काकरमत्तले २ भत्तेले ३ सागर ४ कसोलिहा ५ असैय्या ६ वित्तिया ७ यह चौथा सत्ता श्रीचन्दमणि जी से प्रवर्तित हुआ। ( ५ ) पाँचबेपुत्र जगसाहके राउत १ भुंसीपादा २ बावउतारू ३ गगरहागा ४ जीठ ५ गुरहा ६ पिलखनिया ७ यह पांचवां सत्ता जगसाहसे प्रवर्तित हुआ। (६ ) छटचे पुत्र दीपचन्द्रजीके सत्ताके बकेवरिया १ गुजोहुनिया २ गुशोनिया जमेवरिया ३ देमरा ४ माहोसाह ५ टाँटे बाबू ६ जमसरिया ये ७ सात हुये। । (७) सातवे पुत्र श्री मानपालके मंजवार १ मेहदोले २ जखनिया ३ छढ़िया ४ वेतरवाल ५ दीदवाउरे ६ दुधइया ७ यह श्री मानपालसे सत्ता चला। ___(८) आठवे पुत्र श्री हरीकरणके सत्ताके सोहाने १ कोहला २ भजरोले ३ कुर्कुटे ४ पडुकुलिया ५ भण्डारी ६ जैतपुरिया ७ ये सात हुये।
SR No.010527
Book TitleLavechu Digambar Jain Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZammanlal Jain
PublisherSohanlal Jain Calcutta
Publication Year1952
Total Pages483
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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