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________________ ३३२ * श्री लँबेचू समाजका इतिहास # के गौडों, वृन्दावन के गोस्वामियों तथा जोधपुरके पञ्चोलियों, भण्डारियों और मुहणोतों आदि अहलकारों और दिल्लीके बादशाहों, शाहजादों, अमीरों तथा छत्रपति शिवाजी आदिकी जन्मपत्रियाँ हैं । जन्मपत्रियोंका दूसरा बड़ा संग्रह जोधपुरके प्रसिद्ध ज्योतिषी चण्डके घरानेका था जिनका चण्ड् पञ्चांग निकलता है । ये जन्मपत्रियाँ सब ओझाजीकी देखी हुई थीं, तहाँ इनके लिखनेका तात्पर्य यह है कि (कछवाये ) कच्छी देशके रहने वाले क्षत्रिय और जैसलमेर के भाटिया, rain बघेले ( जो लम्बेचू जातिके एक गोत्रकी बघेले जाति कहलाई) और ग्वालियरके ( तँवर ) तोंबर ठाकुर क्षत्रिय हरिवंश पुराण में यदुवंशियों में तँवरका जिकर आया है कृष्णकी सहायता में लड़ाईमें आये हैं और मुझे अनुमान होता है कि ( पंचोलियो ) पञ्चोलये गोत्रमेंसे और भंडारी गोत्रकं भण्डारियोंकी जाति हो गई। ये सब यदुवंशी क्षत्रिय तो स्पष्ट इस राजपूताने उदयपुरक इतिहास में ओझाजीने स्पष्ट रूपसे यादव लिखे हैं और गूजर जाति भी क्षत्रिय प्रतीत होती है, नहीं तो इनका राज्य कैसे स्थापित हो
SR No.010527
Book TitleLavechu Digambar Jain Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZammanlal Jain
PublisherSohanlal Jain Calcutta
Publication Year1952
Total Pages483
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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