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श्रीमद्विजयानंदसूरिविरचित श्री जैनतत्त्वादर्श.
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नाषान्तर करनार, वकील मुलचंद नथुभाई
नावनगर छपावी प्रसिद्ध करनार, श्रीवात्मारामजी जैनज्ञानशाला तथा पुस्तकालयनी कार्यदद सना.
नावनगर
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संवत १९५६. कारतक सुद १५ सने १८९९.
मुल्य चार रुपीआ.
आ ग्रंथ मुंबई निर्णयसागर प्रेसमा छाप्यो.
ग्रंथस्वामित्वना सर्व हक्क प्रसिद्ध करनाराए पोताने
स्वाधिन राखेला .
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