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प्रवचन सारोद्धार, मूल-प्राकृत, मुलकर्ता-श्रीनेमिचद्रसूरी(वि बारहवीं शताब्दी) श्रीदेवचद्र लालभाई मैन पुस्तकोद्धार फंड बम्बई, टीका-संस्कृत(वि स.१२४८) टीकाकार-सिद्धसेनसूरीश्वर (वि तेरहवीं शताब्दी) वीर स २४४८ प्रशस्तपाद भाष्य प्रश्नव्याकरण सूत्र,मूल प्राकृत, टीकाकार-श्री अभय देवसूरि
प्रागमोदय समिति, टीका-सस्कृत (वि स १०७२-११३५)
वीर स २४४५ प्रश्नोत्तर सार्धशतक उपाध्याय श्री क्षमाकल्याण गणी
सेठ फकीरचन्द घेलाभाई सूरत, ( वि स १८५१)
(वि स १६७३ ) प्रकरण सग्रह दूसरा भाग हिन्दी सग्रहकार-मुनिश्रीउत्तमचद्रजी स्वामी
सेठ भैरोंदानजी जेठमलजी सेठियाबीकानेर, ( २७ थोकडों का संग्रह ) (वि स १९१०-१९७६)
वीर स २४५० प्राकृत व्याकरगा,सस्कृत श्री हेमचन्द्राचार्य
श्री मोतीलाल लाधाजी १६६ भवानी पेठ (वि सं. ११४५-१२२६)
पूना, सन् १९२८ई. पहत्कल्पसूत्रनियुक्तिभाष्य वृत्ति मूल एव नियुक्तिकर्ता-भद्रबाहुस्वामी (वीर की श्री जैन प्रात्मानन्द सभा भावनगर, सहित,मूल, नियुक्ति और भाष्य पहली दूसरी शताब्दी),भाष्यकार-सघदास गणी वीर स २४५९-२४६५ प्राकृत, वृत्ति-संस्कृत क्षमाश्रमण,वृत्तिकार-मलय गिरितथा क्षेमकीर्ति [ पाच भाग प्रकाशित ] प्राचार्य सम्पादक मुनि चतुरविजयजी पुगय विजयजी श्रीबृहत्कल्प सूत्र,मूल-प्राकृत भाषाकर्ता- डा जीवराज घेलाभाई दोशी. डा जीवराज घेलाभाई दोशी अहमदावाद, गुजराती शब्दार्थ भावार्थसहित
वि स १९७१ बृहत्होड़ा चक्र
गर्ग एन्ड कम्पनी खारी बावली देहली
वृ
पू (जी)
धु हो.