________________ श्री जैन सिद्धान्त बोल संमह, पाठवाँ भाग 326 विषय . पोल भाग पृष्ठ प्रमाण सुवासव कुमार की कथा 410 6 58 वि.१४ . मुश्रामण्यता - 763 3 446 का १०उ 38.758 र मुषमदुषमा भास अचस-४३० 2 39 जं. वक्ष 2 सू 27-33, ठा 6. पिणी का उR सू 42 सुषम दुषमा आरा उत्स- 431 2 37 संवत 2 सू.३५-४०, ठा पिणी कर *उ.३ सू 462 सुषम सुषमा श्रारा मक- 420 2 30 ज.वक्ष 2 सू 19-26, अ६ सर्पिणी का उ 3 सू 462 सुषम सुपमा आरा उत्स-४३१ 2 38 ज वक्ष २सू 37-40, ला६ पिणी का उदेसू 462 मुषमाआमवसर्पिणीका४३० 2 3.0 जवक्ष.२८.२६,ठा.६ सू.४८ 1 सुषमा आरा उत्सर्पिणी का४३१ 2 38 जवक्ष.२सू.३७-४०,ठा ६सू 462 सुषमाकाल जाननेक स्थान५३५ 2 266 [ 73.3 सू.५५६ . . सूक्ष्म 815 ठा.२ 2.1 सू.५३ सूक्ष्म क्रिया अनिवर्ती 225 1210 प्राव.इ अ 4 ध्यानशत्तक गा. शुक्ल ध्यान ८१,ठा.४उ.१सू.२४७, ज्ञान, प्रक.४२,क भा.२ श्लो 216 सूक्ष्म जीव पाड 611 3 128 दश.अ गा १५,ठा.सू 615 सूक्ष्म दस 746 3 423 ठा.१० उ.३ सू.७१६ / / सूक्ष्म पुद्गल 426 2 25 दश प्रभाष्य गा 60 टी सूक्ष्म बादर पुद्गल 426 2 25 दशम ४भाष्य गा.६. टी. सूक्ष्मसम्पराय गुणस्थान 847 5 82 कर्म भा 2 -2 सूक्ष्मसम्पाय चारित्र 315 1 320 ठाउ रसू 428, अनु सू 144, विशे गा 1260-1280 सूक्ष्म सूक्ष्म पुगल 426 2 25 दश ग्र,भाष्य गा ६०टी.