________________
दव्य त.
दन्यलो
दव्य स
१.
वि
घर
नय.
जय प्र.
नयो.
( २७ ) मुनि भोजसागरजी [ सोलहवीं शताब्दी ] अनुवादक-प ठाकुरदत्त शर्मा व्याकरणाचार्य विनयविजयजीमहाराज (१७वीं १८वीं शताब्दी) अनुवादक - प हीरालाल हसराज
द्रव्यानुयोग तर्कणा-संस्कृत, हिन्दी अनुवाद सहित द्रव्यलोक प्रकाश, सस्कृत
गुजराती अनुवाद सहित
द्रव्यसग्रह, प्राकृत, हिन्दी टीका सहित धर्मसग्रह,सस्कृत[वि स १७३१] उपाध्याय श्री मानविजयजी
धर्म विन्दुप्रकरण, संस्कृत
धर्मरत्नप्रकरण [विस १२७१] श्री शान्तिसूरि नदीसूत्र सटीक
मूल - प्राकृत, टीका संस्कृत
नयचक्र, प्राकृत
नयप्रदीप, संस्कृत
नयोपदेश संस्कृत
श्री नेमिचंद्र सिद्धान्त चक्रवर्ती
हिन्दी टीकाकार- बाबू सूरजभानु वकील
हरिभद्रसूरि ( छठी शताब्दी )
वृत्तिकार - मुनि चद्राचार्य (वि. १२वीं शताब्दी)
परमश्रुत प्रभावक मंडल बम्बई, वीरस २४३२
श्री यशोविजय गणी [ १७वीं १८वीं शताब्दी ]
श्री यशोविजय गयी [१७६ १ ८वीं शताब्दी ]
पं हीरालाल इसराज, जामनगर
वीर स २४४५
श्री जैन साहित्य प्रसारक कार्यालय हीराबाग गिरगाव बम्बई, वीर स २४५३ देवचंद लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फड, बम्बई
वीरस २४५१
आगमोदय समिति
वीर स २४५०
श्रात्मानन्द जैन सभा भावनगर, वीर स २४५२
देववाचक- क्षमाश्रमण [वीर की १० वीं शताब्दी] श्रागमोदय समिति, वि. स. १६८० टीकाकार - प्राचार्य श्रीमलयगिरि
श्री देवसेनसूरि (वि दसवीं शताब्दी)
माणिकचद्र दिर्गम्बर जैन ग्रन्थमाला समिति बम्बई, वीर स. २४४६
आत्मवीर सभा भावनगर, वीर से २४४५ श्रात्मवीर सभा भावनगर, वीर स. २४४५