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(२३) ग्रन्थ नाम, भापा व काल ग्रन्थकता और उसका काल प्रकाशन का स्थान और समय , प्रोनियुक्ति, मून-प्राकृत, नियुक्तिकार श्री भद्रवाहुस्वामी
श्रागमोदय समिति 1 टीका सस्कत। ।। "
(वीर. की पहली दूसरी शताब्दी) वीर स २४४५
टीकाकार श्री द्रोणाचार्य(ग्यारहवीं शताब्दी) '!' कर्तव्यकोमुंदी दूसरा भाग सस्कृत, शतावधानी श्री रत्नचंद्रजी स्वामी श्री भैरोंदानजी जेठमलजी सेठिया वीकानेर
भाषानुवाद सहित (विम '८०) (वि स १६३६- १६६८ वैशाख) वीर स २४५१ ---- (१) कम्मपछि (फर्म प्रकृति) मटीक, मूल-शिवशर्माचार्य
.श्री जैन.धर्भ प्रसारक सभा भावनगर टीकाकार उपाध्याय श्रीयशोविजयजी ।' वीर स २४४३ ' '(२) कम्मपयडि, मलयनिरिकी टीका अनुवादक पं. चदुलाल नानचद
श्री अध्यात्म ज्ञान प्रसारक मडल " ' को गुजराती अनुवाद
पादरा (गुजरात), वीर स १९७६ (१) कर्म ग्रन्य भाग काप्राकृत मूल और टीकाकार श्रीदेवेन्द्रसूरि .' श्रीवात्मानन्द जैन पुस्तक प्रचारक मडल टीका-संस्कृत,हिन्दी अनुवाद सहित (तेरहवीं-चौदहवीं शताब्दी )
रोशन मोहल्ला आगरा, वीर स २४४४-२४४८ (२) कर्म ग्रन्थ भाग ५-६ । पाँचवें भाग के मूल प्रौर टीकाकार-श्रीदेवेन्द्रसूरि प्रात्मानन्द सभा,भावनगर मून प्राकृत-टीका 'सस्कृत छठा भागमूल-श्रीचन्द्रर्षिमहत्तर,टीकाकार-मलयगिरि वीर स २४६६
कल्प सूत्र मटीक,मूल प्राकृत,सुबोधिका मूल भद्रबाहुस्वामी(वीर की पहली दूसरी शताव्दी) देवचद लालभाई जैन * टीका सस्कृत
• - -टीका विनय विजयजी उपाध्याय पुस्तकोद्धार फड, बम्बई (१७ वी १८ वीं शताब्दी)
वीर स २४४६.
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