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श्री मेठिया जैन ग्रन्थमाला ~~~~~~~~~~~ - - ....~ wrow - . . . .. -~~
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विपय बोल भाग पृष्ठ प्रमाण मिथ्या दृष्टि गुणस्थान ८४७ ५ ७२ कर्म भा २ गा २ व्याया मिथ्या श्रत
८२२ ५ ७ न०म. विशे.गा.६२७-३ मिश्र गुणस्थान ८४७ ५ ७३ कर्म गा २ गा.२ व्याया १ मिश्र जात दोप ८६५ ५ १६२ प्रब द्वा ६७मा ५६५,ध अभिः
ग्लो २९टी पृ ३८,पिनि गा
६२,पि विगा३.पना १३गा। मिश्र दर्शन
७७ १ ५५ भराड,टा ३३.२१ १८९ मिश्र भापा २६६ १ २४६ प ५११ पृ.१६१ मिश्र भाषा के दस प्रकार ६९४ ३ ३७० या १०७.१,पन.ए १११
१६, मवि ३ लो ४५५ १२३ २ गंमुही अवस्था ६७८ ३ २६८ ठा १० ६.३ र ४७३ मुख्य (प्रधान) ३८ १ २४ नया अध्या 1739 मुण्ड दस
६५९ ३ २३१ ८ १०33 23 ५४६ सुक्तावली तप यंत्र सहित ६८६ ३ ३४८ नमः
५० १ ३६५ टा ., RT...: गा.
१५, लो, १२.. ६६१ ३ २३३ गागागा OFTII)
मुक्ति
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सुनि(मुणि)माहण(ब्राह्मण)७७० ४ ७ का गायन १ मुद्रिका कथागोत्पत्तिकीट४६ ६ २७२ नग 11. टी. बुद्धि पर
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