________________
१८८
श्री मेडिया जैन मन्यमामा
विषय
बाल भाग पृष्ट प्रमाण नकायुबन्ध के कारण १३२ १६. टा. ३ ४ १.३७३ नग्यविषयमें गणपक-७७५४ ५२ विये गा १८८५-१६०४ म्पित स्वामीकाशंकासमाधान नरक के नीस द्वार ५६० ३ ३३६ जी प्रति.३.१.३ नरक के दुःखों का वर्णन ६४१ ६ २१६ स्य० उ. करनेवाला पचीम गाथाएं नरक के दावों का वर्णन ६४७ ६ २३६ गया . इ.१ करने वाली२७गाथाएं नरकगनिमें अन्तर काल ५६० २ ३२० प्रव हा १४७ गा १०६१. नरक में वंदना ५६. २ ३१६ जो गनि, 8, ATT
१७४,अन्न प्रथमदार ५ नरक सात
५६०२३१४ जी.प्रतिपदा,१७२-४,
भाग १31-८गन५:
17... या नरकायाममान नारकी कं५६. २ ३१६ नीति ,प्रा. नरमायामों का विस्तार ५६० २ ३३६ जी ! नरकाशनों का संधान ५६० २३३४ नीप्रति नकों का परम्पर अन्तर ५६० २ ३४१ न.१3८१.२ नग्कों की मोटाई पाहन्य)५६. २३२८८ नका. काह ५६० २ ३२८ जीपनि : नरकों पं नाम आर गोत्र ५६० २ ३१५ नोमान 24.७,प्रपा नरकोपनर (पाय) २६०२२८ नि: नाका में संस्थान १६. २३४१
५२ नरदेव
४२२ १४४५. ...