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[१८] बोल नं०
पृष्ठ बोल न.. ' छेदोपस्थापनीय चारित्र । चौथे अध्य० प्रथम उ० अलग २ क्यों कहे
की इकतीस गाथाएं गये हैं।
१७४ सूयगडांग सूत्र के १७० सामायिक के बत्तीस
द्वितीय अ० के द्वितीय दोष
उ० की बत्तीस १६१ सिद्ध भगवान के
गाथाए ___ इकतीस गुण
१८१ सूयगडांग सूत्र के नवे ६७६ सिद्धों के अल्प बहुत्व के तेतीस बोल
अ० की छत्तीस गाथाएं ८७ ४६७ सूत्र के बत्तीस दोष २३ १९६३ स्त्री परिज्ञा (स० अ०४) ६६६ सुन बत्तीस २१ अध्ययन के पहले १८५ सूयगडांग सूत्र के
उ० की ३१ गाथाएं ५ ग्यारहवें अ० की अड़- ६५ स्थावर जीवों की अव.
तीस गाथाएं १३६ । गाहना के अल्प बहुल ६६३ सूयगडांग सूत्र के
के चॅवालीस बोल २५२
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