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भी सेठिया अन अन्यमाला (२१) त्रुटितांग-पूर्व को चौरासी लाख से गुणा करने से एक त्रुटितांग होता है।
(२२) त्रुटित -त्रुटितांग को चौरासी लाख से गुणा करने से एक त्रुटित होता है।
इस प्रकार पहले की राशि को ८४ लाख से गुणा करने से उपरोचर राशियां बनती हैं वे इस प्रकार हैं
(२३) अटटांग (२४) अटट (२५) अवांग (२६) अवव (२७) हुहुकांग (२८) हुहुक (२६) उत्पलांग ३०) उत्पल (३१) पयांग (३२, पम (३३) नलिनांग (३४) नलिन (३५) अर्थ निपूरांग (३६) अर्थ निपूर (३७) अयुतांग (३८) अयुत (३६) नयुतांग (४०) नयुत (४१) प्रयुतांग (४२) प्रयुत (४३) चूलिकांग (४४) चूलिका (४५) शीर्ष प्रहेलिकांग (४६ शीर्ष प्रहेलिका।
शीर्षप्रहेलिका १६४ अंकों की संख्या है। ७५८२६३२५३. ७३०१०२४११५७६७३५६६६७५६६६४०६२१८६६६८१८०८०१८३२९६ इन चौपन अंकों पर १४० विन्दियाँ लगाने से शीर्षप्रहेलिका संख्या का प्रमाण आता है। । यहाँ तक का काल गणित का विषय माना गया है। इसके
आगे भी काल का परिमाण बतलाया गया है पर वह उपमा का विषय है गणित का नहीं। (अनुयोग द्वार कालानुपूर्वी अधिकार सूत्र ११४) (भगवती सूत्र शतक ६ उ०७) ६६६-ब्राह्मी लिपि के मातृकातर छियालीस
असे ह तक तथा क्ष ये ४६ अक्षर ब्राह्मी लिपि के मातकाघर कहे गये हैं। इनमें ऋऋ ल ल ल ये पांच अक्षर नहीं गिने जाते । ४६ मातृकाक्षर इस प्रकार हैं' ' (१-१२) स्वर-अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं अः।
यह मराठी ल और स के बीच का अक्षर है।