________________
श्री पार्श्वनाथ स्वामी श्री महावीर स्वामी
चैत वदी
आषाढ़ सुदी ६
प्राणत देवलोक
प्राणत देवलोक वाराणसी
पौप वदी १०
वामा
अश्वसेन सर्प
श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह, छठा भाग
६ हाथ ३० वर्ष
·
पौष वदी ११ कोपकट
धन्य
८४ दिन
चैत वदी ४
१०
दत्त (आर्यदन्त)
१६ हजार
कुण्ठपुर
चैत सुदी १३
३३
सौं वर्ष ८३७५० वर्ष
त्रिशला
सिद्धार्थ
सिह
७ हाथ ३० वर्ष
2
मिगसिर वदी १० कोल्लाग सन्निवेश
चहुल १२ वर्ष (१२ ॥ वर्ष) वैसाख सुदी १०
६८०००
पुष्पचूला
१लाख ६४ हजार
३लाख ३६ हजार ७० वर्ष
साबण सुदी
११
इन्द्रभूति
१४ हजार
३६०००
चन्दना
१ लाख ५६ हजार ३लाख १५ हजार ४२ वर्ष
काती वदी १५ स० १४७ एकाकी
७२ वर्ष २५० वर्ष
1
१८७
स० १४
स०१२
स० २८, आ० ह० ३८२-३८४ स० २१
स०२६,सम०१५७, आ०० ३८५ से स०३०,सम०१५७,आ०६० ३८७ से
०४२, प्र००६
२०५०, प्र०२८, आ०६०३७८-३८० स०५४, आ०६०२७७-२६६ स०५५, आ०६०२७७-२६६ स० ५६
स०७६, आ०६०३२३-३२५ स०७७,सम०१५७,आ०६०३२६से स०८४, आ०म०२६०-२६२ स०म० आ०६०२४१-२५२ स०१११, आ०६०२६६-२६६ स० १०३, सम० १५७, प्र० ८ स०११२, प्र०१६, आ०६०२५६-२५६ स८११३, प्र०१७, आ०६०२६०-२६३ स०१०४, ५०६, सम०१५७
स०
स०
स.
प्रमाणग्रन्थ '
११४, प्र० २४
११५, प्र० २५
१४५, आ०६०२७२-२७६
-
स० १५४, प्र० ३३
स० १४६, प्र० ३२,आ०६० ३०३ से स० १६५, ५० ३५, आ०६० पृष्४१६३
-स०-सप्ततिशतस्थान द्वार। सम० समवायांग। आं० ६० - हरिभद्रीयावश्यक गाथा | आ० म० आवश्यक मलयगिरि गाथा । प्र०-प्रवचनसारोद्धार द्वार