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[१४]. चोल नं०
पृष्ठ! योल नं0 ६४६ साधु के लिये उपदेश २४ सूयगडांग सूत्र के रूप सूयगडांग सूत्र
तेईम अध्ययन १७३ के चौदहवे अ० की ३२ सूरगडांग सूत्र के दसवें
सत्ताईम गाथाएं २३० । समाधि ० की १४५. साधु के सत्ताईस गुण २२० चौबीम गाथा ६१८ साधु को कौन सा बाद ६४६ मूयाहांग सूत्र के फिस के साथ करना
पांच अ० द्वितीय ३० चाहिये ? (२१) १५७ की पच्चास गाथा २१६ ६०४ साधु साधी के वीस ६४ सूयगडांग सूत्र के कल्प
___ पांचवें अप्रथन ३० ११० सुम्ब विपाक सूत्र की को सत्ताईस गाथाए ०३६
फया (१) ५३ ६५४ सयगढांग सत्र के महा६४६ सूयगढांग सूत्र के
पौर स्तुति नामक छठे चौदहवें प्रन्याध्ययन की । अ० की धनतीस सत्ताईस गाया २३० गाथाएं २६८
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