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श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह, पांचवां भाग
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चाहिए कि वह उसी भव में मोक्ष जायगा ।
( ४ ) कोई स्त्री या पुरुष स्वप्न में ऐसा देखे कि पाँच रंगों वाले उलझे हुए सूत को उसने सुलझा दिया है तो समझना चाहिए कि वह उसी भव में मोक्ष जायगा ।
( ५ ) कोई स्त्री अथवा पुरुष स्वप्न में लोह, ताम्बा, कधीर और सीसे की राशि (ढेर ) को देखे और वह उसके ऊपर चढ़ जाय तो समझना चाहिए कि वह दूसरे भव में मोक्ष जायगा ।
(६) कोई स्त्री या पुरुष स्वप्न में सोने, चान्दी, रत्न और वज्र (हीरों) की राशि को देखे और वह उस ढेर के ऊपर चढ़ जाय तो जानना चाहिए कि वह उसी भव में मोक्ष जायगा ।
(७) कोई स्त्री या पुरुष स्वप्न में बहुत बड़े घास के ढेर को या कचरे के ढेर को देखे और उस ढेर को बिखेर कर फेंक दे तो यह समझना चाहिए कि वह उसी भव में मोक्ष जायगा ।
(८) कोई स्त्री अथवा पुरुष स्वप्न में शरस्तम्भ, वीरणस्तम्भ, वंशीमूलस्तम्भ या वल्लिमूलस्तम्भ को देखे और उन्हें जड़ से उखाड़ कर फेंक देवे तो समझना चाहिए कि वह उसी भव में मोक्ष जायगा ।
(६) कोई स्त्री अथवा पुरुष स्वप्न में दूध के घड़े, दही के घड़े, घी के घड़े तथा मधु के घड़े को देखे और उन्हें उठा ले तो समझना चाहिए कि वह उसी भव में मोक्ष जायगा ।
(१०) कोई स्त्री अथवा पुरुष स्वप्न में मदिरा के घड़े, सौवीर (मदिरा विशेष) के घड़े, तेल के घड़े और वसा (चर्बी) के घड़े देखे और उन्हें फोड़ डाले तो समझना चाहिए कि वह दूसरे भव में मोक्ष जायगा ।
(११) कोई स्त्री अथवा पुरुष स्वप्न में चारों ओर से कुसुमित पद्मसरोवर को देखे और उसमें प्रवेश करे तो जानना चाहिए कि वह व्यक्ति उसी भव में मोक्ष जायगा ।